back to top

मणिपुर में ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत, तीन घायल

इंफाल। मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित कांगपोकपी जिले में दो संघर्षरत समुदायों के ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच रविवार को गोलीबारी में एक व्यक्ति...

नीतीश सरकार ने जारी की जाति आधारित गणना की रिपोर्ट

नितीश सरकार की ओर से सोमवार यानी गांधी जयंती के मौके पर जातीय आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट में आंकड़ा सामने आया है कि बिहार में जिन 215 जातियों की गणना हुई उनमें 190 जातियां इस श्रेणी की हैं जिनकी आबादी एक प्रतिशत भी नहीं।

बिहार में केवल 25 जातियां ही इस श्रेणी की हैं, जिनकी संख्या एक प्रतिशत से अधिक है। एक प्रतिशत से कम आबादी वाले लोग अति पिछड़ा, मुस्लिम व सवर्ण समाज में भी हैं।

अगड़ी जाति के लोगों की गणना के संबंध में जो रिपोर्ट है उसके अनुसार, कायस्थ सहित मुस्लिम समाज की दो अगड़ी जातियों की संख्या एक प्रतिशत से कम है। कायस्थ की संख्या बिहार की कुल आबादी का 0.6011 प्रतिशत है।

मुस्लिम समाज में पठान अगड़ी जाति में हैं। इनकी संख्या 0.7548 प्रतिशत है। सैयद भी मुस्लिम समाज में अगड़ी जाति की गिनती में हैं। इनकी संख्या कुल आबादी का 0.2279 प्रतिशत है।

जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में समेकित रूप से अति पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या तो सबसे अधिक है, लेकिन अगर इन जातियों का ब्रेकअप देखा जाए तो इनमें एक प्रतिशत से कम संख्या वाली जातियों की संख्या सबसे अधिक है।

इन जातियों में अघोरी, अदरखी, अबदल, अमात, अवध बनिया, असुर, अगरिया, इदरीसी , ईटफरोश, गदहेड़ी, ईंटपज इब्राहिमी, ईसाई धर्मावलंबी (हरिजन) उरांव, कपरिया,करमाली, कलंदर, कवार, कसाब, कागजी, कादर, किसान नागोसिया, कुल्हैया, केवट, केवर्त, गोल, कौरा, कोरा, कोस्कू, कौरवा, कोल, कोस्ता, कुरारियार और कंजर एक प्रतिशत से कम संख्या वाली जातियां हैं।

इनके अलावा, खटवा, खटिक, खटिक, खलौरी, खरवार, खरिया, खेलटा, खोंड, खंगर, गद्दी, गुलगुलिया, गोड़ी, गोंड, गोराइत, गोस्वामी, संन्यासी, गंगई, गंगोता, गंधर्व, घटवार, घासी, चनऊ, चपोता, चांय, चीक, चिक बराइक, चूड़ीहार, चेरों, छीपी, जट, जटपुतिया, जागा, जोगी, टिकुलहार, ठकुराई, डफाली, बांसफोड़ और ढेकारू की संख्‍या भी एक प्रतिशत से कम है।