प्रयागराज। संगम के तट पर लगने जा रहे विश्व के सबसे बड़े सनातनी मेले महाकुंभ में पहली बार 200 फायर कमांडो तैनात किए जा रहे हैं जिन्हें लोगों की आग से रक्षा के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) (अग्निशमन) पद्मजा चौहान ने बताया कि महाकुंभ में पहली बार विशेष रूप से प्रशिक्षित बचाव समूह (एसटीआरजी) बनाया गया है, जिसमें 200 कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यह समूह, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की तर्ज पर बनाया गया है। चौहान ने बताया कि इन कर्मचारियों को एनडीआरएफ और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), हैदराबाद द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन कर्मचारियों को अति संवेदनशील जोन में तैनात किया जाएगा। ये किसी भी आपदा से निपटने में सक्षम हैं। इसके तहत 10-10 लोगों के 20 समूह बनाए गए हैं।
एडीजी अग्निशमन ने बताया कि मेले में पहली बार तीन रोबोटिक फायर टेंडर इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं जो ऐसी जगह भी पहुंचकर आग बुझाने में सक्षम हैं जहां दमकलकर्मी नहीं पहुंच सकते। इन रोबोटिक फायर टेंडर का वजन 20-25 किलोग्राम के आसपास है जिससे इन्हें कहीं भी आसानी से उठाकर ले जाया जा सकता है। ये सीढ़ियों पर भी चढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में पहली बार आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है जो 35 मीटर की ऊंचाई से पानी की बौछार से आग बुझाने में सक्षम है। इसमें लगा हाईटेक कैमरा ऊपर से उन स्थानों का दृश्य दिखाता है जहां आग लगी है।
चौहान ने बताया, हमारा जोर इस बात पर है कि मेले में कहीं भी आग लगे ही ना। इसके लिए दैनिक आधार पर फायर ऑडिट किया जाएगा। साथ ही सफाई कर्मियों से हर शिविर की रिपोर्ट ली जाएगी कि कहीं किसी शिविर में ब्लोअर, इमर्सन रॉड आदि का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा। उन्होंने बताया कि सरकार महाकुंभ में अग्नि से सुरक्षा को लेकर कितनी सजग है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले कुंभ के लिए अग्निशमन विभाग को महज छह करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था जबकि महाकुंभ के लिए 67 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।