लखनऊ। बाराबंकी के दरोगा अनूप यादव द्वारा एक कंपनी के संचालक से 65 लाख रुपए की कथित घूस लेने के मामले में वहां के पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार के अनुसार सतीश कुमार निलंबन अवधि में पुलिस महानिदेशक उप्र कार्यालय से सबंद्घ रहेंगे।
गृह विभाग ने एक बयान में बताया
गृह विभाग ने एक बयान में बताया गय जब सतीश कुमार बाराबंकी में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात थे उस दौरान शंकर गायन नामक व्यक्ति ने प्रार्थनापत्र दिया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि जिले के सायबर सेल में तैनात पुलिसकर्मियों ने धमकाकर 65 लाख रूपए वसूले थे । इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ के आदेश पर अपर पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित जांच टीम द्वारा जांच की गई जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही साबित हुए।
हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर
विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के शंकर गायन ने लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर बाराबंकी साइबर क्राइम सेल के प्रभारी दरोगा अनूप कुमार यादव व उसके साथियों पर 65 लाख रुपए की वसूली का आरोप लगाया था। आरोप था कि अनूप ने कंपनी के प्रसनजीत सरदार, शंकर गायन और धीरज श्रीवास्तव को कंपनी के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले की जांच के बहाने दस्तावेज के साथ 10 जनवरी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बुलाया ।वहां से अपने आवास ले जाकर 65 लाख की मांग के साथ कंपनी बंद कराने की धमकी दी। उन्होंने डर के चलते 65 लाख दे दिए। अनूप ने 11 जनवरी को फिर बुलाया और जेल भेज दिया।
65 लाख रुपए वसूले
दरोगा अनूप यादव ने जिस मुकदमे का हवाला देकर विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के संचालकों से 65 लाख रुपए वसूले थे उस मुकदमे की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) करेगी। हैदरगढ़ के बहरौली निवासी निवेशक सांवले शर्मा की तहरीर पर यह मामला बाराबंकी कोतवाली में 10 जनवरी 2019 को फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की धाराओं में दर्ज किया गया था। सांवले का आरोप था कि कंपनी द्वारा शेयर बाजार में पैसा लगवाकर मोटे मुनाफे का लालच देकर लोगों से ठगी की गई। इस मामले में जिस दिन एफआईआर दर्ज हुई उसी दिन आरोपितों की गिरफ्तारी हो गई। दरोगा द्वारा घूस लिए जाने के मामले में जो एफआईआर हजरतगंज कोतवाली में दर्ज की गई है । दरोगा अनूप यादव को हजरतगंज पुलिस ने एक अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।