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जो नर दुख मै दुख नही मानै, सुख सनेहो अर मै नही जाकै…

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3 शुभ योग में 19 को है हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी

लखनऊ। हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की समस्याएं से छुटकारा मिलता है। चैत्र महीने के शुक्ल की एकादशी तो कामदा एकादशी व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 18 अप्रैल को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगी। इसका समापन अगले दिन यानी 19 अप्रैल को रात 8 बजकर 4 मिनट पर होगा। उदया तिथि के कारण कामदा एकादशी 19 अप्रैल दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। इसी दिन आप एकादशी का व्रत रख सकते हैं। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक है।

कामदा एकादशी पर 3 शुभ योग
ज्योतिषियों के अनुसार, कामदा एकादशी के दिन 3 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि इस दिन सबसे पहले रवि योग बन रहा है जो सुबह में 5 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह के 10 बजकर 57 मिनट तक है। साथ ही दूसरा शुभ योग वृद्धि योग बन रहा है जिसकी शुरूआत सुबह से लेकर देर रात 1 बजकर 45 मिनट तक है। तीसरा शुभ योग ध्रुव योग है। ज्योतिषियों के अनुसार, तीनों योग में कार्य करना बेहद शुभ होता है। बता दें कि कामदा एकादशी वाले दिन माघा नक्षत्र भी बन रहा है जो प्रात काल से लेकर सुबह के 10 बजकर 57 मिनट तक है। उसके बाद पूवार्फाल्गुनी नक्षत्र हो जाएगा।

कामदा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को 100 यज्ञों के बराबर के पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। कामदा एकादशी पर क्षमता अनुसार दान करने से भी पूर्व में किए पाप नष्ट होते है। कामदा एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना भी फलदायी होता है। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की उपासना करने से धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

कामदा एकादशी पारण का मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कामदा एकादशी 19 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार को है। मान्यता है कि एकादशी का पारण द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है। इसलिए कामदा एकादशी का पारण का समय 20 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को है। पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह के 5 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह के 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। बता दें कि शनिवार को द्वादशी तिथि का समापन रात के 10 बजकर 41 मिनट पर होगा। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण, द्वादशी समापन से पहले पारण कर लेना चाहिए।

कामदा एकादशी व्रत पूजाविधि
इस दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ और सात्विक रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। भगवान विष्णु की मूर्ति को ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मन्त्र का उच्चारण करते हुए पंचामृत से स्नान आदि कराकर वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, तिल, धूप-दीप, नैवैद्य, ऋतुफल, पान, नारियल, आदि अर्पित करके कपूर से आरती उतारनी चाहिए। इसके बाद कामदा एकादशी की कथा का श्रवण या वाचन करें। रात्रि में भगवान हरि का जागरण करें एवं द्वादशी के दिन गरीबों को भोजन कराएं और जररूतमंदों की मदद करें। सात्विक भोजन करें एवं किसी भी प्रकार के विकारों से खुद को दूर रहें। इस दिन भगवान विष्णु और इनके मंत्रों का जप करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए कामदा एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ रखना चाहिए।