मुरली नाद सुनायो…पर दिखा कथक का अद्भुत रूप

विश्व नृत्य दिवस पर भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजन
लखनऊ। विश्व नृत्य दिवस के अवसर पर नृत्य विभाग, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा शास्त्रीय एवं लोक नृत्यों का प्रस्तुतीकरण कलामण्डपम् प्रेक्षागृह में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ की कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन कर शुभकामना संदेश के साथ किया गया।
प्रस्तुति का आरम्भ अतिथि शिक्षक सुश्री प्रेरणा राणा एवं सुश्री सुमेधा गुप्ता द्वारा कथक नृत्य शैली में मुधराष्टकम् के द्वारा किया गया। तदुपरान्त अतिथि शिक्षक डा. गरिमा टण्डन के द्वारा भरतनाट्यम नृत्य का पारंपरिक अंग अलारिपु एवं कृति मुरली नाद सुनायो पर भाव प्रदर्शन किया गया। इसके बाद कथक नृत्य की पारंपरिक प्रस्तुति हुई जिसमें थाट, आमद, परन आदि का प्रदर्शन हुआ साथ ही कथक नृत्य के दो घरानो रायगढ़ एवं लखनऊ का मेल भी देखने को मिला। प्रस्तुति का समापन तराना से किया गया जिसमें कथक एवं भरतनाट्यम नृत्य की जुगलबंदी दृष्टिगोचर हुई। तदुपरांत विभाग की छात्राओं द्वारा दक्षिण भारत के कोलाट्टम् लोकनृत्य का प्रदर्शन किया गया, जिनके नाम हैं आस्था मिश्रा, , वैभव लक्ष्मी, अंकिता मौर्य, छवि गुप्ता, मनोरमा श्री, वल्लरी नारायण पाठक, अवंतिका शर्मा एवं दिव्या रावल ।
नट्टुवांगम् पर ज्ञानेन्द्र दत्त बाजपेयी, तबले पर इलियास हुसैन खान, मृदंग पर जी. सुधीर कुमार, वायलिन पर संजरी साहू, सितार पर नीरज मिश्रा, सारंगी पर मनीष कुमार मिश्रा, गायन पर प्रखर पाण्डेय, गायन व हारमोनियम पर नमन सिंह तथा बोल पढ़न्त पर सुश्री रुनझुन ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में अनेकों सम्मानित कलाकार एवं विद्वान उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन द्वारा तथा मंच का कुशल संचालन सुश्री कृतिका त्रिपाठी के द्वारा किया गया।

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