धूमधाम से मनायी गयी बुद्ध पूर्णिमा, विशेष प्रार्थना संग बंटी खीर

लखनऊ। शांति, तप और ज्ञान के अग्रदूत भगवान गौतम बुद्ध की जयंती गुरुवार को शहर में पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाई गई। विभिन्न संगठनों की तरफ से जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान प्रार्थना, पूजन सभाओं के आयोजन के साथ ही शोभा यात्राएं निकाली गईं। इसके साथ ही भगवान बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हुए हिंसा, चोरी, व्यभिचार, असत्य और नशे से दूर रहने का संकल्प लिया गया।
भारतीय बौद्ध समिति ने लालकुआं स्थित रिसालदार पार्क में त्रिविधि पावनी वैशाख पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया। सामूहिक बुद्ध वंदना से शुरू हुए कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अनुयायी शामिल हुए। इसके बाद धम्म देशना, भिक्षु संघ को भोजनदान आदि हुआ।
महाबोधि सोसाइटी आॅफ इंडिया लखनऊ केन्द्र द्वारा त्रिविध पावनी वैशाख पूर्णिमा को संपूर्ण विश्व में शांति, करूणा एंव मैत्री का संदेश प्रवर्तित करने वाले महाकारूणिक तथागत गौतम बुद्ध की 2568वीं जयंती रिसालदार पार्क बुद्ध विहार, में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
भन्ते ज्ञानालोक विहाराध्यक्ष ने त्रिशरण पंचशील व बुद्ध वन्दना कराई। जिसमें दूर-दूर से आए बौद्ध धर्म के हजारों उपासकों ने यहां धम्मसभा में भाग लिया। साथ ही भंडारे तथा खीर वितरण किया गया। इस बुद्ध विहार की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए स्थानीय प्रबंधन समिति के सचिव जय शंकर सहाय द्वारा बताया गया कि महास्थाविर बोधानंद ने 1925 में इस बुद्ध विहार की स्थापना की थी। उन्होंने अपनी वसीयत द्वारा इस बुद्ध विहार, इस विहार में स्थित अनुसंधान पुस्तकालय तथा भारतीय बौद्ध समिति को महाबोधि सोसाइटी आॅफ इंडिया के धम्म प्रचार के कार्यों से प्रभावित होकर दान में दे दिया। उनकी मृत्यु के बाद महाबोधि सोसाइटी द्वारा उनके शिष्य भिक्खु जी प्रज्ञानंद को इस बुद्ध विहार का विहाराध्यक्ष बनाया गया। जी प्रज्ञानंद भारतीय संविधान निमार्ता बाबासाहब आंबेडकर को बौद्ध धर्म में दीक्षित करने वाले भिक्खुओं में से एक थे। बाबासाहेब लखनऊ आगमन पर यहां अवश्य आते थे। 2017 में जी प्रज्ञानंद की मृत्य के बाद उ.प्र. सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ बौद्ध रीति से उनका अंतिम संस्कार किया था। उनके बाद वर्तमान में भन्ते ज्ञानालोक इस बौद्ध विहार के विहाराध्यक्ष हैं जो भदन्त बोधानन्द की शिष्य परम्परा से हैं।

दुनिया में शांति का संदेश देने वाले पहले महामानव थे तथागत गौतम बुद्ध

लखनऊ। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर महासभा की ओर से बुद्ध जयंती समारोह का आयोजन किया गया। विधानसभा मार्ग स्थित महासभा के बुद्ध विहार सभागार में बौद्ध भिक्षु अमरबोधि ने त्रिशरणं पंचशील बुद्ध वंदना के साथ तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि अनिल कुमार ने कहा कि महाकारूणिक तथागत भगवान बुद्ध के उपदेशों का यह धर्म पद अनमोल अमृत वचन है। दुनिया में शांति का संदेश देने वाले पहले महामानव तथागत गौतम बुद्ध जी थे। समारोह में पद्मश्री प्रोफेसर डॉ एसएन कुरील ने कहा कि आज से 2600 वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व प्राप्त करने के बाद 45 साल तक बहुजन हिताय बहुजन सुखाय लोक अनुकंपाय का जो संदेश और उपदेश दिया था वह त्रिपिटक के रूप में आज भी सुरक्षित है। डॉक्टर आरआर जैसवार ने कहा की सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की उम्र में गृह त्याग किया और 35 वर्ष की उम्र में बोधि प्राप्त करने के बाद तथागत का 80 वर्ष की उम्र में महा परिनिर्वाण हुआ। कार्यक्रम का संचालन रामचन्द्र पटेल ने किया। इस मौके पर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार, महामंत्री अमरनाथ प्रजापति, प्रोफेसर एसपी जैसवार, डॉ सत्यवती दोहरे, गंगा प्रसाद बौद्ध, राजेश सिद्धार्थ, विनोद खरवार, सर्वेश पाटिल, पीएल भारती, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

बुद्ध के मार्ग पर चलने से ही दुखों का अंत


शिक्षाविद भारती गांधी व समाजसेवी मुरलीधर आहूजा को प्रदान की गई महाबोधि सोसाइटी आॅफ इंडिया की मानद सदस्यता
लखनऊ। बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाबोधि सोसाइटी आॅफ इंडिया की ओर से गुरुवार को लालकुआं, रिसालदार पार्क स्थित सेंटर पर बुद्ध पूर्णिमा समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर शिक्षाविद भारती गांधी व समाजसेवी मुरलीधर आहूजा को महाबोधि सोसाइटी आॅफ इंडिया की मानद सदस्यता प्रदान की गई। कार्यक्रम में दूर-दूर से आए बौद्धधर्म के अनुयायी मौजूद रहे।
समारोह में शिक्षाविद भारती गांधी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने सारी मानव जाति को एक सूत्र में बांधा। उनके समानता के विचार को बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर ने भारतीय संविधान में प्राविधानित किया। उन्होंने कहा कि बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही हम तृष्णा की समाप्ति कर अपने दुखों का अंत कर सकते हैं। मुरलीधर आहूजा ने कहा कि आज पूरी दुनिया में अशांति फैली हुई है। ऐसे में भगवान बुद्ध का धम्म ही शांति का मार्ग है। भिक्खु इंचार्ज भंते ज्ञानालोक ने धम्मपद को उद्धृत करते हुए समस्त मानवों के लिए मंगल मैत्री की कामना की। अब्दुल वाहिद ने वर्तमान युद्ध के माहौल को मानव जाति के लिए खतरा बताते हुए अमन शांति के लिए बुद्ध की प्रासंगिकता पर बल दिया। इस मौके पर महाबोधि सोसाइटी आॅफ इंडिया के अध्यक्ष डाक्टर महेंद्र सिंह, रिसालदार पार्क बुद्ध विहार मैनेजमेंट कमेटी के सचिव जय शंकर सहाय, महाबोधि सोसाइटी की गवर्निंग बाडी सदस्य आरके सचान, हरेन्द्र कुमार, ऊषा बौद्ध, जयेन्द्र कुमार, डॉ पद्मसिंह, एमपी गौतम, डॉ रामकुमार, डॉ शिशिर समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

सामूहिक प्रार्थना और धम्म सभा

बौद्ध धर्मांकुर सभा ने गौतम बुद्ध मार्ग स्थित बोधिसत्व विहार में पंचशील और बुद्ध पूजा के साथ पूरे उत्साह से जयंती समारोह मनाया। इस मौके पर उपासकों और उपासिकाओं का भोजन के बाद सामूहिक साधना हुई। शाम को दीप प्रज्ज्वलन और प्रदीप पूजा में भिक्षु प्रधान भिक्षु विश्वजीत, सभा के महासचिव हेमेंद्र विकास चौधरी समेत कई लोग मौजूद रहे।

दीप प्रज्ज्वलन संग प्रार्थना

डालीगंज स्थित बुद्धा पार्क में बुद्ध पूर्णिमा महापर्व धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया। महापर्व का आयोजन कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी कल्याण असोसियेशन ने किया था। पार्क में स्थित भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के बाद कविता पाठ किया गया। इस मौके पर बच्चों ने भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए।

बुद्ध पूर्णिमा पर संगम में लाखों भक्तों ने लगाई डुबकी
लखनऊ। देश भर में बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। पूर्णिमा के मौके पर गोमती में बड़ी संख्या में भक्तों ने पवित्र डुबकी लगाई। साथ ही पूजा-पाठ कर मनौतियां भी मांगी। लखनऊ के गोमती घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था, लखनऊ के अलावा वाराणसी और मिजार्पुर, प्रयागराज में पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई है। गुरुवार को बैशाख महीने की पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर गरीब असहाय लोगो को भोजन कराकर पुण्य अर्जित देश में सुख शांति की कामना की, इसके अलावा श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर दर्शन किए।

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