प्रयागराज। ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अयोध्या कूच करने के धर्मादेश के अगले दिन बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्भ मेला क्षेत्र आकर पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से मुलाकात की और अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर उनसे चर्चा की। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने संवाददाताओं को बताया, उन्होंने (योगी आदित्यनाथ) कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में है।
अदालत के संविधान के अनुसार सरकार शिकंजे में फंसी हुई
अदालत के संविधान के अनुसार सरकार उस शिकंजे में फंसी हुई है जिसमें वह अलग से कोई निर्णय नहीं ले सकती। हालांकि पुरी पीठाधीश्वर ने बताया, श्री राम जन्मभूमि को लेकर मैंने कहा कि केस की आधारशिला जैसी होनी चाहिए, वैसी नहीं है। समस्या का समाधान शीघ्र होना चाहिए.. इसको लटकाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इससे आस्था को आघात पहुंचता है। इस पर उन्होंने (योगी आदित्यनाथ) कहा कि हम उसी ढंग का प्रयास करेंगे और आपकी भावना को पूर्ण रूप से स्थान देकर साकार करेंगे.. आपको प्रसन्नता होगी। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से भेंट करने से पूर्व मुख्यमंत्री ने झूंसी स्थित आरएसएस कार्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से भेंट की।
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि योगी की भागवत के साथ मुलाकात करीब डेढ़ घंटे चली। मुख्यमंत्री योगी ने पुरी पीठाधीश्वर से भेंट करने के बाद महंत नृत्यगोपालदास जी महाराज से भी भेंट की और माना जाता है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें राम जन्मभूमि मसले पर सरकार के रुख से अवगत कराया। योगी ने अपने कुम्भ दौरे के अंत में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज से भेंट की और उनके साथ दोपहर का भोजन लिया। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही 29 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल की बैठक यहां कुम्भ मेले में की थी और मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ संगम में डुबकी लगाई थी।