शारजाह । अपने पहले खिताब की कवायद में लगा रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एलिमिनेटर में जब पूर्व चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) का सामना करेगा तो विराट कोहली के रणनीतिक कौशल और इयोन मोर्गन के धैर्य की भी कड़ी परीक्षा होगी। इस सत्र के बाद कप्तानी छोड़ने का फैसला कर चुके कोहली की अगुवाई में आरसीबी 2016 में फाइनल में पहुंचा था। इसके अलावा उनके नेतृत्व में टीम 2015 और 2020 में भी प्लेआॅफ में पहुंची थी और अब कोहली खिताब के साथ कप्तानी से शानदार विदाई लेना चाहेंगे। मोर्गन के सामने केकेआर की खोयी प्रतिष्ठा फिर से हासिल करने की चुनौती है। टीम ने 2012 से 2014 के बीच तीन साल के अंदर गौतम गंभीर की अगुवाई में दो बार खिताब जीता था। कागजों पर यह दो ऐसी टीमों के बीच मुकाबला है जो समान रूप से मजबूत हैं लेकिन आंकड़ों के लिहाज से केकेआर का पलड़ा थोड़ा भारी है। उसने दोनों टीमों के बीच खेले गये 28 मैचों में से 15 में जीत दर्ज की है।
आरसीबी की टीम हालांकि अपने अंतिम लीग मैच में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ आखिरी गेंद पर छक्के से जीत दर्ज करने के बाद आत्मविश्वास से भरी है। वह 14 मैचों में 18 जीत से अंक तालिका में तीसरे स्थान पर रही। केकेआर ने दूसरी तरफ पहले चरण के लचर प्रदर्शन के बाद यूएई चरण में सात में से पांच मैच जीते और 14 अंकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया। मोर्गन की टीम ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 86 रन की बड़ी जीत से प्लेआॅफ में जगह पक्की की और वह आगे भी अपनी इस लय को बरकरार रखने की कोशिश करेगी। लेकिन मैदान पर पिछले रिकार्ड अधिक मायने नहीं रखेंगे और मैच में महत्वपूर्ण मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम जीत दर्ज करेगी। यह बात कोहली और मोर्गन दोनों अच्छी तरह से जानते हैं। दोनों कप्तानों के पास अच्छे कुशल खिलाड़ी हैं।भमन गिल, हरभजन सिंह, कमलेश नागरकोटी, कुलदीप यादव, लॉकी फर्गुसन, पवन नेगी, एम प्रसिद्ध कृष्णा, संदीप वारियर , शिवम दुबे, टिम साउदी, वैभव अरोड़ा, वरुण चक्रवर्ती, आंद्रे रसेल, बेन कटिंग, शाकिब अल हसन, सुनील नारायण, वेंकटेश अय्यर, शेल्डन जैक्सन, टिम सीफर्ट।