नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय से कहा कि वह चीनी सोशल मीडिया एप टिक-टॉक पर लगे प्रतिबंध हटाने के अंतरिम राहत के एप के आवेदन पर 24 अप्रैल को निर्णय करे।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ बुधवार को अंतरिम राहत के बारे में निर्णय नहीं लेती है तो यह मान लिया जाएगा कि टिक-टॉक एप पर लगा प्रतिबंध हट गया है। पीठ ने कहा कि टिकटॉक पर मालिकाना हक वाली कंपनी बाइटडांस 24 अप्रैल को अपनी समस्याएं उच्च न्यायालय के समक्ष रख सकती है। उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को इस एप के जरिए अश्लील एवं अनुचित सामग्री परोसे जाने का हवाला देते हुए केन्द्र को टिक-टॉक एप पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत ने टिक-टॉक
शीर्ष अदालत ने टिक-टॉक एप पर प्रतिबंध लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। इस मामले में सुनवाई शुरू होते ही टिकटॉक पर मालिकाना हक वाली कंपनी बाइटडांस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उसे रोजाना साढ़े चार करोड़ रूपए से अधिक का नुकसान हो रहा है और बीस लाख से अधिक इसके उपभोक्ताओं के सुरक्षा उपाय खतरे में हैं। सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए क्योंकि इस मामले में दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में एक तरफा आदेश दिया गया है।
इस पर पीठ ने सिंघवी से जानना चाहा कि
इस पर पीठ ने सिंघवी से जानना चाहा कि यह मामला उच्च नयायालय में कब सुनवाई के लिए सूचीबद्घ है। सिंघवी ने कहा कि अंतरिम राहत के लिए यह 24 अप्रैल को सूचीबद्घ है और उच्च न्यायालय ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दातार को न्याय मित्र नियुक्त किया है। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय को 24 अप्रैल को अंतरिम राहत के आवेदन पर फैसला करना होगा और यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश वापस माना जाएगा। पीठ ने इसके साथ ही याचिका का निबटारा कर दिया।