इस माह में होंगे अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा और सीता नवमी जैसे व्रत और त्यौहार

लखनऊ। मई का महीना शुरू होने वाला है। इस माह में मुख्य पर्व अक्षय तृतीया मनाया जाने वाला है। इस दिन सोना खरीदा जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा है। इसके अलावा आप अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा मई माह में वरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी, प्रदोष व्रत और कालाष्टमी समेत कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। भक्ति काल के कई महान संतों का जन्मदिन भी मई महीने में पड़ता है। आइए, जानें मई माह में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहार कौन से हैं।

वरूथिनी एकादशी व्रत 4 मई
एक माह में दो बार एकादशी व्रत रखा जाता है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान होता है। एकादशी का व्रत करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। इस व्रत से जुड़े नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 3 मई को रात्रि 11:24 बजे से हो रहा है। यह तिथि 4 मई को रात्रि 8 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में वरूथिनी एकादशी का व्रत उदया तिथि के अनुसार 4 मई, शनिवार को रखा जाएगा।

मासिक शिवरात्रि व्रत 6 मई
6 मई को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। इस दौरान वैशाख माह रहेगा, इसलिए इस शिवरात्रि को वैशाख मासिक शिवरात्रि कह सकते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन भक्त भोले बाबा की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं, और शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हैं।

अक्षय तृतीया 10 मई
अक्षय तृतीया का पर्व हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई को मनाया जाएगा। अक्षय का अर्थ होता है, जिसका कभी क्षय न हो। इस तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है, इसका मतलब यानी की इस तिथि पर किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त का विचार नहीं करना पड़ता है।

विनायक चतुर्थी व्रत 11 मई
इस महीने में विनायक चतुर्थी 11 मई को है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और सभी कष्टों से राहत मिलती है। किसी भी कार्य को सिद्ध कराने के लिए इस व्रत का खास महत्व माना जाता है। चतुर्थी के दिन किसी जरूरतमंद या फिर बुजुर्गों की सेवा करने से इस व्रत का दोगुना फल मिलता है और भगवान गणेश का आशीष प्राप्त होता है।

वृषभ संक्रांति 14 मई
इस बार वृषभ संक्रांति 14 मई को है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है. बता दें कि मई माह में सूर्य मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।

सीता नवमी 16 मई
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन सीता नवमी पर्व मनाया जाता है। इस बार सीता नवमी 16 मई को मनाया जायेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता सीता प्रकट हुई थीं। इसके अलावा यदि इस दिन सीता माता की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

गंगा दशहरा-16 मई
हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस दिन जगत की धात्री मां गंगा की पूजा-उपासना की जाती है। इसके लिए साधक ब्रह्म बेला से पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके पश्चात विधि-विधान से मां गंगा की पूजा करते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 17 जून को ब्रह्म मुहूर्त में 04 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। नोट करें यह तिथि अंग्रेजी कैलेंडर पर आधारित है। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अत: 16 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा।

नरसिंह जयंती 21 मई
नरसिंह जयंती 21 मई को है। भगवान नरसिंह, श्री हरि के चौथे अवतार हैं. मान्यता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान नरसिंह प्रकट हुए थे. इस विशेष दिन पर नरसिंह भगवान की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बुद्ध पूर्णिमा 23 मई
हर माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। ऐसे में 23 मई को वैशाख पूर्णिमा है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा तिथि को हुआ था।

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