सावन के दूसरे सोमवार पर राजधानी के शिव मंदिरों में भक्तों की लगी लंबी कतार, विधि-विधान से की पूजा अर्चना
लखनऊ। सावन के दूसरे सोमवार पर राजधानी के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। डालीगंज का मनकामेश्वर हो या फिर चौक का कोनेश्वर और रकाबगंज का सिद्धनाथ मन्दिर सभी मन्दिरों में भोले के भक्तों की लम्बी कतारें दिखी। मोहान रोड के बुद्धेश्वर और ठाकुरगंज कल्याण गिरि मन्दिर में भी भोले की जय जयकार रही। डालीगंज के मनकामेश्वर मंदिर में सबसे पहले 51 लीटर दूध से महादेव का अभिषेक हुआ उसके बाद परिवारों ने मिलकर दूध, बेसन, शहद, दही, तिल, जौ व चन्दन से बाबा महाअभिषेक एवं रुद्राभिषेक किया। ढोल, नागफनी, डमरू, शंख, नगाड़ा, मजीरा की ध्वनि पर जब महाआरती हुई उस क्षण पूरा मंदिर प्रांगण हर हर महादेव और जय शिव शम्भू जयघोष से गूंज उठा। श्रावण का सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओ की लम्बी लाइन लगी रही।
उज्जैन के तर्ज पर हुई भस्म आरती:
राजेन्द्रनगर के महाकाल मन्दिर में सावन के दूसरे सोमवार पर उज्जैन की तर्ज पर भस्म आरती हुई। उसके बाद आलोक गुप्ता और निधि गुप्ता की ओर से महारुद्राभिषेक हुआ। रुद्राभिषेक में 51 लीटर दूध, 51 लीटर दही, सवा किलो शहद और सवा किलो शरकरा आदि पूजन सामग्री के साथ पूजन हुआ। शाम को 151 दीपों से महाकाल की भव्य आरती हुई। आरती के समय जय शिव ओंकारा तथा बाबा महाकाल के जयघोष से मन्दिर गूंज रहा था। अगले क्रम मे अमिताब अग्रवाल के सहयोग से बाबा को छप्पन भोग लगाया गया। बाद में छप्पन भोग प्रसाद को भक्तों को बांटा गया। जब बाबा का प्रसाद बंटा तो प्रसाद पाने के लिए भक्तों की लम्बी कतारे लग गई। पूरा मन्दिर रंगबिरंगी लइटों से जगमाग रहा है। पूरा मन्दिर फूलों से सजाया गया है।
द्वादश ज्योर्तिलिंग मंदिर मे हुए 12 रुद्राभिषेक:
सदर स्थित द्वादश ज्यार्तिलिंग मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को 12 रुद्राभिषेक सम्पन्न हुए। मन्दिर के अंकुर अग्रवाल ने बताया कि रुद्राभिषेक पूरे सावन माह तक चलेंगे। कोई भी भक्त पूजन करा सकता है। आज मन्दिर के आसपास रहने वाले बच्चों सूरज, दिव्या, उज्जवल, कल्पना ने शाम को भोलेनाथ का शिव, पार्वती और गणेश परिवार का श्रंगार किया। जिसे देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। इस मौके पर मन्दिर समिति के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल समेत बडी संख्या लोग मौजूद रहे।
सामूहिक रुद्राभिषेक का आयोजन
लखनऊ। इंदिरा नगर ए ब्लॉक स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव में सावन पर सामूहिक रुद्राभिषेक का विशेष आयोजन हुआ। यह अनुष्ठान जनकल्याण की भावना को ध्यान में रखते हुए किया गया। हरिद्वार से आए श्री तुलसी मानस मंदिर के श्री कामेश्वर पूरी महराज द्वारा या अभिषेक करवाया गया। इसमें स्थानीय लोगों के साथ कई विशिष्ट लोग शामिल हुए। पूजन उपरांत भजन कीर्तन हुआ। इस अवसर पर नैमिशारण्य से आए महामंडलेश्वर श्री विद्या चेतन, नगर जोन 3 प्रभारी अलंकार अग्निहोत्री, थानाध्यक्ष, मंदिर सेवा मंडल के अध्यक्ष मनोज तिवारी, सचिव डी डी मिश्र, संरक्षक डी एन सिंह,व्यापारी सहित अन्य स्थानीय लोग मौजूद थे। कामेश्वर पूरी जी के बताया कि आयोजन का उद्देश्य लोगों ने सनातन परंपरा से अवगत करने के साथ सावन में शिव पूजा महत्व को बताना था। इसका एक उद्देश्य यह भी था कि लोगों जन कल्याण के हेतु आयोजन करने की प्रवृत्ति को विकसित करना है। जिससे उन लोगों को ईश्वर अनुकंपा की प्राप्ति हो सके जो समयभाव या अन्य कारणों से अनुष्ठान नहीं कर सकते है। ऐसे आयोजन हर वर्ष सावन में श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में होता है।
कांवरियों का जत्था पहुंचा महाकाल मंदिर:
राजेन्द्रनगर स्थित महाकाल मन्दिर में सावन के दूसरे सोमवार की शाम को जब हर हर महादेव, जय महाकाल के जयघोष के साथ कावड़ियों का एक जत्था राजेंद्र महाकाल मंदिर पहुंचा तो माहौल शिवमय हो गया। मंदिर के अतुल मिश्रा ने बताया कि लगभग 50 लोगों का कांवरियों का जत्था शाम को फरुर्खाबाद से पैदल महाकाल मंदिर पहुंचा। इसमे महिला पुरुष सभी शामिल थे। उन्होंने बताया कि कावड़ियों की कोई मनौती थी और कावड़ियों ने बताया कि वह लगातार 5 साल तक महाकाल में जलाभिषेक करने आएंगे। इससे पहले बाबा का भस्म और अश्वगंध से श्रृंगार हुआ। भोर चार बजे उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर हुई भस्म आरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। ढ़ोल, नगाड़ा, तासा और शंख ध्वनि के बीच बाबा महाकाल के जयकारे लगे।
मनकामेश्वर में हुआ 501 लीटर दुग्ध से अभिषेक
लखनऊ। सावन माह की नवमी का खास महत्व होता है। ऐसे में सोमवार 29 जुलाई को भक्तों की कतार सुबह चार बजे से ही उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित महादेव मठ-मंदिर मनकामेश्वर में लगने लगी थी। जीवन में सुख का आशीष देने वाले भरणी नक्षत्र काल में भक्तों ने, दूध और जल से अभिषेक करने के साथ ही बिल्व पत्र, पुष्प और धतूरा, बाबा मनकामेश्वर को अर्पित किया। सावन के दूसरे सोमवार को भोलेनाथ का 501 लीटर दुग्ध से अभिषेक किया गया। मन की समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाले मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरी ने विधि-विधान से आरती पूजन कर भक्तों को आशीर्वाद दिया।
सतरंगी रोशनी से जगमग और विभिन्न फूलों संग मांगलिक झंडियों से अलंकृत मंदिर में महंत देव्यागिरी ने रविवार की रात तीन बजे मंगला आरती की। उसी क्रम में सुबह चार बजे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। ह्लबम बम भोलेह्व के जयकारों के साथ हर उम्र के भक्तों ने जोश और भक्ति के साथ मंदिर में दर्शन किये।
मंदिर परिसर में सुरक्षा और सुविधा की व्यापक व्यवस्था के बीच, रविवार मध्यरात्रि 12 बजे से रुद्राभिषेक शुरू हो गया था। विश्व शान्ति और भारत उन्नति की कामना से यह रुद्राभिषेक रात दो बजे जाकर सम्पन्न हुआ। उसके बाद भोलेनाथ का स्नान कराकर उनका मनभावन श्रंगार किया गया। सोमवार की रात 11 बजे तक भक्तों ने बाबा मनकामेश्वर के दर्शन लाभ अर्जित किए।
सोमवार को तीन रुद्राभिषेक गर्भगृह मे आचार्यों द्वारा करवाए गए। चढ़ावे के दूध से तैयार चाय और खीर का वितरण भी भक्तों में किया गया। सेवादारों की ओर से बिठूर से लाया गया गंगाजल कतारबद्ध भक्तों को नि:शुल्क दिया गया। वहां परंपरा के अनुसार भक्तों ने गर्भगृह के बाहर से ही जलधारी यंत्र के माध्यम से दूध और जल का अभिषेक किया। सोमवार की रात 8 बजे आरती की गई। इससे पहले शाम 6:30 बजे आरती के लिए कुछ अंतराल के लिए मंदिर में प्रवेश द्वार, भक्तों के लिए बंद किए गए थे जिन्हें रात 8:30 बजे दोबारा खोल दिया गया। इसके साथ ही वहां फलाहार का प्रसाद भी वितरित किया गया जिसमें साबूदाना की खीर और आलू कुट्टू के आटे की पूड़ी आदि शामिल रहे। मंदिर के सेवादारों में उपमा पाण्डेय, जगदीश गुप्ता अग्रहरि, अंशु सहित अन्य शामिल रहे।