समाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष करता है नाटक ‘आधी रात के बाद’

एसएनए के वाल्मीकि रंगशाला मेें हुआ नाटक का मंचन
लखनऊ। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली रंगमंडल की ओर से आयोजित श्रद्धा मानव सेवा कल्याण समिति के तत्वावधान में नाटक आधी रात के बाद नाटक का मंचन एसनए के वाल्मीकि रंगशाला में किया गया। नाटक का लेखन डा. शंकर शेष व निर्देशन अनुपम बिसारिया ने किया।
सुप्रसिद्ध नाट्य रचनाकार डॉ शंकर शेष द्वारा रचित कथानक के अनुसार नाट्य कृति आधी रात के बाद के माध्यम से यह बताया गया है कि एक रात को 12:00 बजे जज जयपाल सिंह अपने घर की लाइट आॅफ करके सोने की मुद्रा में दिखाई देता है, वह पुन: सोने का प्रयास करते हैं कि थोड़ी देर के बाद पुन: घर का सामान गिरने की आवाज सुनाई देती है तो जज साहब फिर उठकर चारो तरफ देखते हैं तो सामने एक चोर को खड़ा पाते हैं
यहीं से आधी रात के बाद जज साहब और चोर का वातार्लाप प्रारम्भ होता है, चोर चाहता है कि जज साहब पुलिस को बुलाकर उसे लम्बी सजा करवाकर जेल भिजवा दें। परन्तु फोन इन्गेज जाता है तो एक बारगी फोन डेड हो जाता है इस अन्तराल में चोर जज को कई कहानियाँ सुनाता है, जिसमे जज साहब की दिलचस्पी और बढ़ जाती है इन कहानियों के माध्यम से चोर समाज पर, व्यवस्था पर, प्रशासन पर, कई सवाल उठाता है जिनके जवाब देने के लिए जज साहब असहज हो जाते हैं। अन्त में जज साहब चोर को किचन में बन्द करके पुन: फोन करते हैं, परन्तु…एक सवाल… यह चोर है कौन? इसका जवाब हम सब और आप मिलकर नाटक देख कर तय करेंगे यहीं पर नाटक का समापन होता है।
नाटक में मंच पर जज की भूमिका में योगेश शुक्ला एवं चोर की भूमिका में स्वयं नाट्य निर्देशक अनुपम बिसारिया तथा पत्रकार की भूमिका में जयव्रत बाजपेयी ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शको को भाव विभोर कर दिया। परोक्ष की भूमिका में प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन देवाशीष मिश्रा एवं स्टील फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी में अनवर बेग, संगीत संकलन में अश्वनी मक्खन तथा संगीत संचालन में विमलेश कुमार तथा रूप सज्जा में अंशिका क्रिऐशन, वस्त्र विन्याश में रोजी मिश्रा तथा रत्ना ओझा के अतिरिक्त मंच निर्माण में आशुतोष मिश्रा तथा मंच संचालन में आलोक कुमार पाण्डेय ने नाटक को सफल बनाने में अपना विशेष रूप से सहयोग प्रदान किया। कुल मिलाकर इस नाटक को देखने के पश्चात् यह कहा जा सकता है कि इस नाटक में जिस समस्या को कलाकारों के माध्यम से उजागर करने का प्रयास किया गया वह अत्यधिक सराहनीय रहा। अन्त में रंग दर्शको के समक्ष संस्था के सचिव अशोक लाल द्वारा रंगदर्शको का विशेष आभार व्यक्त किया एवं मुख्य अतिथि के शुभ करकमलोे द्वारा नाट्य निर्देशक को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

RELATED ARTICLES

भक्त नरसी ने तोड़े जाति के बंधन : आचार्य रमाकांत

कथा के चौथे दिन भक्त नरसी मेहता का आख्यानराज्य सरकार के मंत्रियों ने लिया व्यास पीठ का आशीर्वादसोमवार को नानी बाई का मायरा के...

अवध महोत्सव : गायिका सीमा विरवानी के गीतों ने समां बांधा

रंगारंग कार्यक्रम के साथ अवध महोत्सव का समापन लखनऊ। लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव की अपार सफलता में लखनऊ की जनता का प्यार और सहयोग सदैव याद...

अवधी लोक नृत्य संग कथक ने समां बांधा

-राज्य स्तरीय खादी और पीएमईजीपी प्रदर्शनी तृतीय सांस्कृतिक संध्यालखनऊ। राज्य कार्यालय खादी और ग्रामोद्योग आयोग लखनऊ के तत्वावधान में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विशाल खंड...

Latest Articles