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राज्यपाल के अभिभाषण पर राजस्थान विधानसभा में चर्चा शुरू, कार्यवाही तीन बार स्थगित

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की गई। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा सोमवार को भी जारी रहेगी। अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने कहा कि सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के लिए मंत्रियों और अधिकारियों की समिति तो बना दी लेकिन आज तक कोई कर्ज माफी नहीं हुई है।

उससे करीब 1166 करोड रूपए का आर्थिक भार पड़ेगा

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप बेरोजगार युवाओं को 3500 रूपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की जो घोषणा की है उससे करीब 1166 करोड रूपए का आर्थिक भार पड़ेगा। राठौड ने बाडमेर में रिफाइनरी पर पूर्ववर्ती सरकार पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने एचपीसीएल के साथ किए गए करार के द्वारा 40 हजार करोड का आर्थिक भार कम किया है। इससे पहले शून्य काल में चार स्थगन प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के सदस्यों ने कर्जमाफी के मुद्दे पर आसन के समक्ष जाकर हंगामा शुरू कर दिया। इस मुद्दे को लेकर सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। भाजपा के सदस्य मांग कर रहे थे कि सरकार किसानों की कर्जमाफी एवं इससे जुड़ी औपचारिकताओं पर स्थिति स्पष्ट करे। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा, इस प्रकार का लंगड़ा आदेश निकाल कर किसानों को भ्रमित किया गया है।

किसानों के खाते में कितना पैसा पहुंचा

घोषणा के बाद एक महीना एक दिन पूरा हो जाने पर किसानों के खाते में कितना पैसा पहुंचा, सरकार यह स्पष्ट करे।इसके पीछे मंशा क्या थी। प्रतिपक्ष की मांग का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार ने किसानों की रिण माफी का निर्णय लिया है, लेकिन इस लागू करने में समय लगता है। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों की रिण माफी का फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि किसानों की रिण माफी की पात्रता के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है और किसानों की वित्तीय समस्याओं से उभारने के लिए केन्द्र सरकार को एक पत्र लिखा गया है। उनके अनुसार किसानों का सम्पूर्ण कर्जा राज्य सरकार माफ नहीं सकती है, सम्पूर्ण कर्जा माफी के लिए प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा गया हैं उन्होंने सदन को बताया कि बिना मांग के हमने आगे बढकर राज्य के किसानों का दो लाख रूपए तक अल्पकालीन रिण माफ किया है।

आदेश कभी भी लगंडा नहीं हो सकता यह विपक्ष की सोच है

हमारी विचारधारा और नीतियां स्पष्ट है। आदेश कभी भी लगंडा नहीं हो सकता यह विपक्ष की सोच है। गहलोत के जवाब के बाद प्रतिपक्ष के सदस्यों ने किसानों की रिण माफी को लेकर सदन में हंगामा किया और आसन के समक्ष 10 दिन में किसानों कर्जा माफी उनके साथ धोखा है …. किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ करो के नारे लगाए। शुक्रवार को शुरू हुई राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा में कांग्रेस के पहली बार चुनकर आए सवाईमाधोपुर के सदस्य दानिश अबरार ने अभिभाषण की सराहना करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने उनके क्षेत्र के कोचर गांव में गायों की सार संभाल के लिए आवंटित राशि को राज्य के कई इलाकों में बांट दिया। राज्यपाल के अभिभाषण के चर्चा के बीच सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।