लखनऊ। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने पिछले दिनों लखनऊ के चिनहट थाने में पुलिस द्वारा कथित रूप से पीटे जाने के कारण जान गंवाने वाले मोहित पांडेय के परिजनों से बुधवार को मुलाकात की और सरकार पर पीड़ित परिवार को मदद के बजाय सिर्फ जुमला देने का आरोप लगाया। राय की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मोहित पांडेय के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।
राय ने परिजनों से मुलाकात के बाद कहा, पूरा परिवार दुखी है। परिवार के साथ अत्याचार और अन्याय किया जा रहा है। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। लखनऊ में इससे पहले अमन गौतम की भी पुलिस हिरासत में मौत हुई थी। दूसरी मोहित पांडेय की हुई है। उन्होंने कहा, इन लोगों (मोहित के परिजन) को बुलाकर केवल जुमला दिया जा रहा है। उनका कोई सहयोग नहीं किया गया। ना ही उन्हें नौकरी की बात पक्की की गई और ना ही अभी तक उनको पैसे मिले हैं।
राय ने मोहित पांडेय और अमन गौतम की संदिग्ध हालात में पुलिस हिरासत में मौतों को हत्या करार देते हुए कहा, यह हिरासत में हुई मौतें नहीं बल्कि हत्यायें हैं। पुलिस हिरासत में पहली घटना अमन गौतम के साथ हुई और दूसरी मोहित पांडेय के साथ हुई। अमन गौतम की पत्नी गर्भवती थी। वह परेशान है। उससे ना तो मुख्यमंत्री मिले और ना ही उसका आर्थिक सहयोग किया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में कांग्रेस पीड़ित परिजन के साथ खड़ी है।
प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ने कहा, मैंने मोहित पांडेय की मां और भाई से कहा है कि हम स्थानीय न्यायपालिका से लेकर सर्वाेच्च न्यायालय तक उनकी मदद करेंगे और जहां भी जरूरत पड़ेगी हम तन, मन, धन से उनके साथ खड़े हैं। चिनहट क्षेत्र के जैनाबाद में रहने वाले मोहित कुमार पांडेय (30) को पुलिस ने पिछले शनिवार को एक मामले में हिरासत में लिया था। उसी दिन हिरासत में ही मोहित की तबीयत खराब हो गयी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मोहित के परिजनों ने पुलिस पर उसकी पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया था। इससे पहले,11 अक्टूबर को लखनऊ के विकास नगर में एक जुआ अड्डे पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए 24 वर्षीय अमन गौतम की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। गौतम के परिजनों ने भी पुलिस पर उसकी पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया था। मोहित के परिजनों ने गत सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा, आवास, बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा और सरकार की योजनाओं का लाभ देने का निर्देश दिया था।