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बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत: विपक्षी सदस्यों के शोरगुल के बीच राज्यपाल ने पढ़ा अभिभाषण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की मंगलवार को हंगामेदार शुरुआत हुई। राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों ने उनकी ओर कागज के गोले उछाले और शोरगुल तथा नारेबाजी की। राज्यपाल ने पूर्वाह्न 11 बजे समवेत सदन में जैसे ही अभिभाषण पढऩा शुरू किया, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए और नाईक की तरफ कागज के गोले फेंके।

हालांकि वे उन तक नहीं पहुंच सके

हालांकि वे उन तक नहीं पहुंच सके और सुरक्षाकर्मियों ने फाइल कवर के सहारे उन्हें रोक लिया। विपक्षी सदस्यों के लगातार शोरगुल के बीच राज्यपाल ने करीब 55 मिनट में पूरा अभिभाषण पढ़ा और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों का सिलसिलेवार ब्यौरा पेश किया। विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लिए थे, जिन पर गठबंधन से घबराए हैं, सीबीआई ईडी लाए हैं , झूठे वादे बंद करो, मुख्यमंत्री शर्म करो , खेत बचाओ सांडों से, देश बचाओ चोरों से जैसे नारे लिखे थे। विपक्षी सदस्य हाथों में पोस्टर भी लिए थे, जिनमें सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते के तौर पर दिखाया गया था। कुछ सदस्य प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या को दर्शाने के लिए हाथों में गाय और बैल के खिलौने पकड़े हुए थे। सदन में शोरगुल और हंगामे के दौरान कुर्सी पर खड़े सपा सदस्य सुभाष पासी बेहोश होकर गिर गए। उन्हें फौरन अस्पताल पहुंचाया गया।

राज्यपाल ने अपने 30 पन्नों के अभिभाषण

राज्यपाल ने अपने 30 पन्नों के अभिभाषण में प्रदेश की कानूनव्यवस्था में व्यापक सुधार होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में आम नागरिक सुरक्षित है और महिलाएं रात में भी घर के बाहर भयमुक्त होकर निकल सकती हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाए जाने से पिछले साल के मुकाबले अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। राज्य में पुलिस कार्वाई के दौरान 73 अपराधी मारे गए हैं। वहीं, 7,626 गिरफ्तार किए गए हैं। अपराधियों की 179 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। वहीं, 289 अपराधियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और 10,541 अन्य के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्वाई की गई है। अभिभाषण में प्रयागराज में जारी अर्द्धकुंभ का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने प्रदेश सरकार द्वारा इस आध्यात्मिक आयोजन के लिए किए गए कार्यों का वर्णन किया।

इलाहाबाद और फैजाबाद जिलों के नाम बदले

इलाहाबाद और फैजाबाद जिलों के नाम बदले जाने को तर्कसंगत बताते हुए नाईक ने अभिभाषण में कहा कि इन जिलों के नाम बदलकर उनके सांस्कृतिक नामों को बहाल किया गया है। किसानों के कल्याण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 201819 में 11 लाख 27 हजार 195 किसानों से रिकॉर्ड 52 लाख 92 हजार मैट्िरक टन गेहूं की सरकारी खरीद की गई। साथ ही खरीद के 72 घंटों के अंदर 9231.99 करोड़ रुपयों का भुगतान भी कर दिया गया। नाईक ने दावा किया कि फरवरी 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट में चार लाख 68 हजार करोड़ रुपए के सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से 60 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई में शिलान्यास किया था।

साथ ही अन्य विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे

ऊर्जा विभाग की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 22 महीने में बिजली के 94 लाख कनेक्शन दिए गए, जो अपने आप में कीर्तिमान है। राज्य को इसके लिए 12 राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं। राज्यपाल ने कहा कि पिछले महीने वाराणसी में पहला प्रवासी भारतीय दिवस सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। उन्होंने अंत में कहा मैंने आपके समक्ष मेरी सरकार की प्रमुख नीतियों तथा कार्यों की संक्षिप्त रूपरेखा पेश की है। इस सत्र में वर्ष 201920 के वित्तीय वर्ष का आयव्यय पेश किया जाएगा। साथ ही अन्य विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे, जिन्हें पारित करने की आपसे अपेक्षा की जाती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रदेश की जनता के हित में सभी सदस्य सरकार का सहयोग करके दलीय निष्ठा से उपर उठकर समाधान निकालेंगे और प्रदेश के तेजी से आगे ले जाने में अपनी भूमिका का निर्वाह करेंगे। राज्यपाल ने कहा, मैं यह भी आशा करता हूं कि आप सभी सदस्य इस सदन की उच्च गरिमा और पवित्रता को कायम रखेंगे।

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