ताइपे। ताइवान की संसद ने रूढ़िवादी सांसदों के विरोध के बावजूद शुक्रवार को एशिया के पहले समलैंगिक विवाह को कानूनी अमलीजामा पहना दिया है।
सांसदों ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी
द्वीपीय देश के सांसदों ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी जिससे समलैंगिक जोडों को विशिष्ट स्थाई संघ बनाने और सरकारी एजेंसियों में विवाह के लिए पंजीकरण कराने की अनुमति दी। इंटरनेशनल डे एगेंस्ट होमोफोबिया, ट्रांसफोबिया और बाइफोबिया के दिन हुआ यह वोट ताइवान के एलजीबीटी समुदाय के लिए बड़ी जीत है जिन्होंने अलग-अलग लिंग के दंपत्तियों की तरह ही समान विवाह अधिकारों के लिए वर्षों तक संघर्ष किया।
समलैंगिक अधिकार समर्थक संसद के समीप एकत्रित हो गए
संसद में मतदान के बीच भारी बारिश के बावजूद सैकड़ों समलैंगिक अधिकार समर्थक संसद के समीप एकत्रित हो गए। इस मुद्दे को लेकर देश के लोगों की राय बंटी हुई है। समलैंगिक अधिकार समूहों ने शुक्रवार को मतदान की तारीफ करते हुए कहा कि विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन देने का अधिकार मिलने से उनके समुदाय को अलग-अलग लिंग के दंपत्तियों के समान अधिकार मिल गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि…
गौरतलब है कि ताइवान की शीर्ष अदालत ने कहा था कि एक ही लिंग के जोड़ों को शादी करने की अनुमति ना देना संविधान का उल्लंघन होगा। न्यायाधीश ने सरकार को कानून में बदलाव करने के लिए इस साल 24 मई तक का समय दिया है। लेकिन उनके पास कोई दिशा निर्देश नहीं है कि यह कैसे किया जाएगा।