वाराणसी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एसीआई) की एक टीम सर्वेक्षण के लिए रविवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहुंची। ज्ञानवापी परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुबह नौ बजे से एएसआई की टीम सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। दोपहर नमाज के बाद ज्ञानवापी परिसर में सर्वे में कई चीजों की अच्छे से मैपिंग की गई। बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष से चाबी लेकर आज बंद तहखानों को खोला गया है। तीनों गुंबदों की गहनता से जांच और माप की गई है।
ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वे रविवार को इमाम व मुफ्ती-ए-शहर मौलाना बातिन नोमानी ने भी एक न्यूज चैनल से बातचीत में दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, है और रहेगी। उन्होंने दावा किया कि सर्वे की जो तस्वीरें बताई जा रही हैं वो वहां की नहीं है। एक सवाल के जवाब में मुफ्ती-ए-शहर ने कहा कि वहां मंदिर होने और उसे गिरवाकर मस्जिद बनवाने का सवाल ही नहीं है। ऐसा हो ही नहीं सकता। उन्होंने औरंगजेब को धार्मिक शख्स करार दिया।
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में शामिल मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि केवल अफवाह फैलाया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में सर्वेक्षण होना बाकी है, वहां भी अफवाह फैलाई जा रही है कि कोई मूर्ति या त्रिशूल मिला है। सोशल मीडिया से अफवाह फैल रहा है। जब जनता इसे देखेगी तो उन्माद होगा या नहीं। एएनआई से बातचीत में कहा कि मेरा प्रतिनिधि वहां मौजूद है। उसने कोई भी साक्ष्य मिलने की बात नहीं कही है। आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए, कानून व्यवस्था बनाए रखना उनका कर्तव्य है। अगर अफवाह पर रोक नहीं लगी तो हमलोग सर्वे से अलग हो जाएंगे।
सर्वे के दौरान ज्ञानवापी की मौजूदा इमारत की थ्री-डी इमेजिंग के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) की मदद ली गई। इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर के आंतरिक हिस्से की मैपिंग और स्कैनिंग के साथ ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का काम जारी है। अब तक जांच में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। न ही कहीं खोदाई की गई है।
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