सेंसेक्स 488 अंक उछला, टाइटन के शेयर में 11 प्रतिशत की तेजी

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मुंबई। एक दिन की गिरावट के बाद शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को फिर तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स में 488 अंकों का उछाल आया। वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख के बीच टाइटन, टीसीएस और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में तेजी से बाजार को मजबूती मिली।
कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में तेजी से भी धारणा को बल मिला। भारतीय रिजर्व बैंक की शुक्रवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले बैंक, खपत वाले और वाहन शेयरों में जोरदार लिवाली हुई। तिमाही परिणाम आने से पहले आईटी शेयरों में भी तेजी रही। टीसीएस शुक्रवार को दूसरी तिमाही के परिणाम की घोषणा करेगी। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 488.10 अंक यानी 0.82 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,677.83 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 144.35 अंक यानी 0.82 प्रतिशत उछलकर 17,790.35 अंक पर बंद हुआ।

 

सेंसेक्स के शेयरों में 10.69 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में टाइटन रहा। कंपनी ने जुलाई-सितंबर तिमाही में मांग में मजबूत वृद्धि की सूचना दी। जिससे कंपनी का शेयर चढ़ा। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, एचसीएल टेक, टीसीएस, टेक महिंद्रा और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहें। इनमें 5.32 प्रतिशत की तेजी आयी।
दूसरी तरफ डा. रेड्डीज, एचडीएफसी, बजाज फिनसर्व, नेस्ले इंडिया, एचयूएल और एनटीपीसी गिरावट वाले शेयरों में शामिल हैं। इनमें 1.31 प्रतिशत की गिरावट आयी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, मजबूत वैश्विक धारणा के साथ घरेलू बाजार में तेजी लौटी। अमेरिका में कर्ज चूक को लेकर चिंता दूर होने के साथ बांड प्रतिफल और कच्चे तेल के दाम में नरमी से धारणा को बल मिला। घरेलू बाजार में वाहन, रियल्टी और आईटी शेयरों में मजबूत लिवाली से घरेलू बाजार में मजबूती आयी…।

 

उन्होंने कहा, वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी को लेकर चिंता के बावजूद वाहन शेयरों में तेजी रही। इसका कारण त्योहारों के दौरान मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा आईटी कंपनियों का दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम बेहतर रहने की उम्मीद तथा रियल्टी क्षेत्र में अच्छी मांग के संकेत से भी बाजार में तेजी को बल मिला। आशिका स्टॉक ब्रोकिंग के शोध प्रमुख अरिजीत मलाकार ने कहा कि तेल के दाम के कई साल के उच्च स्तर से नीचे आने और अमेरिका में बांड प्रतिफल में नरमी के साथ बाजार में तेजी आयी। साथ ही अमेरिकी सांसद चूक को टालने के लिये देश की कर्ज सीमा बढ़ाने को सहमत हुए हैं। पुन: रूस ने यूरोप को गैस आपूर्ति का आश्वासन दिया है। इससे भी वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव पर विराम लगा।

 

उन्होंने कहा कि आरबीआई की शुक्रवार को आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले बाजार में गतिविधियां देखने को मिली।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, सोल और तोक्यो लाभ में रहें जबकि शंघाई बाजार अवकाश के कारण बंद रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.97 प्रतिशत फिसलकर 80.29 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 19 पैसे मजबूत होकर 74.49 पर बंद हुई। शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 802.81 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

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