सेबी-सीईआरसी क्षेत्राधिकार मुद्दे के समाधान से बिजली बाजार मजबूत होगा, मंत्रालय ने कहा

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नयी दिल्ली। बिजली मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बाजार नियामक सेबी और बिजली नियामक सीईआरसी के बीच क्षेत्राधिकार के मुद्दे का समाधान होने से बिजली बाजार और मजबूत होगा तथा बाजार में लंबी अवधि के वितरण आधारित अनुबंध की शुरूआत का रास्ता साफ होगा। मंत्रालय का यह बयान उच्चतम न्यायालय द्वारा सेबी और सीईआरसी के बीच बिजली डेरिवेटिव के नियामक क्षेत्राधिकार के संबंध में लंबे समय से लंबित मामले के निपटारे के एक दिन बाद आया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, सीईआरसी (केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग) और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के बीच बिजली बाजार से संबंधित 10 साल से लंबित न्यायिक मुद्दे को उच्चतम न्यायालय ने हल किया।

 

बयान में आगे कहा गया कि बिजली क्षेत्र 10 वर्षों से अधिक समय से बड़े सुधारों की प्रतीक्षा कर रहा था, जो दो नियामकों के बीच क्षेत्राधिकार के मुद्दों के कारण रुके हुए थे। मंत्रालय ने कहा कि छह अक्टूबर को सेबी और सीईआरसी के बीच बिजली डेरिवेटिव के नियामक क्षेत्राधिकार के संबंध में लंबे समय से लंबित मामले को उच्चतम न्यायालय ने अच्छे तरीके से निपटाया है। बयान के मुताबिक इससे बिजली बाजार और मजबूत होगा तथा यह इस समय कुल मात्रा के 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 तक लक्ष्य के अनुसार 25 प्रतिशत हो जाएगा।

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