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मलिक का वानखेड़े का जन्म प्रमाणपत्र जाली होने का दावा

एनसीबी अधिकारी ने की आलोचना

मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने सोमवार को दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मंडल निदेशक समीर वानखेड़े ने अपने जन्म प्रमाणपत्र समेत जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। मलिक ने कथित प्रमाणपत्र की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा, समीर दाऊद वानखेड़े का यहां से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा। वहीं, भारतीय राजस्व सेवा के 2008 बैच के अधिकारी वानखेड़े ने मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह कदम अपमानजनक और उनके परिवार की निजता पर हमला है। उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा बिना कोई स्पष्टीकरण दिए इस तरह के निजी अपमानजनक और निंदात्मक हमलों से वह दुखी हैं। वानखेड़े ने एक बयान में कहा, पिछले कुछ दिनों में मंत्री ने जो काम किए हैं, उसने मुझे और मेरे परिवार को अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में ला दिया है।

 

वानखेड़े के नेतृत्व में एनसीबी के एक दल ने इस महीने की शुरुआत में मुंबई के तट पर एक क्रूज जहाज से कथित तौर पर नशीले पदार्थ जब्त किए थे जिसके बाद बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। मलिक ने क्रूज पर पकड़े गए नशीले पदार्थ के मामले को लगातार फर्जी बताया है। मलिक द्वारा सोमवार को पोस्ट की गयी तस्वीर में एनसीबी अधिकारी के पिता का नाम दाऊद दिखाया गया है। वानखेड़े ने कहा कि उनके पिता का नाम ज्ञानदेव है जो एक आबकारी अधिकारी थे। मलिक नशीले पदार्थ के एक मामले में अपने दामाद समीर खान की गिरफ्तारी के बाद से ही वानखेड़े पर निशाना साध रहे हैं। मलिक ने दावा किया था कि एनसीबी अधिकारियों ने उनके दामाद पर गलत आरोपों में मुकदमा दर्ज किया और उनके पास से कोई प्रतिबंधित नशीला पदार्थ बरामद नहीं किया गया।

 

राकांपा प्रवक्ता मलिक ने हाल में दावा किया था कि उनकी सरकार जल्द ही वानखेड़े को जेल पहुंचाएगी। सोमवार को नांदेड में एक समाचार चैनल से बातचीत में मलिक ने दावा किया कि वानखेड़े जन्म से एक मुसलमान है। उन्होंने कहा, पिछले 15 दिनों में जब भी मैं मालदीव यात्रा (वानखेड़े की) जैसे विभिन्न विषयों पर बोलता था तो मुझ कोई जवाब नहीं मिलता था और इन्हें राजनीतिक आरोप बताया गया। लेकिन अब सच सामने आ गया है।

 

 

 

 

राकांपा नेता ने कहा कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि उनका दामाद और आर्यन खान मुसलमान हैं। बाद में भाजपा की ट्रोल करने वाली फौज ने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की कि इसे वानखेड़े के जरिए हिंदू-मुसलमान का मुद्दा बना दिया। उन्होंने कहा, एनसीबी के मंडल निदेशक वानखेड़े का नाम समीर दाऊद वानखेड़े है और वह जन्म से मुसलमान हैं। मैंने उनका जन्म प्रमाणपत्र आनलाइन प्रकाशित किया है। मुझे इसे ढूंढने के लिए मशक्कत करनी पड़ी…उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र पर आईआरएस की नौकरी हासिल की…मैं उनके फर्जीवाड़े के ऐसे और कारनामे उजागर करूंगा। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि अपना धर्म छुपाकर वानखेड़े ने फर्जी दस्तावेज हासिल किए और इससे एक पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार का अधिकार छीन लिया।

 

 

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले रविवार को वानखेड़े के समर्थन में आए और कहा कि अच्छा काम कर रहे एक दलित अधिकारी को निशाना बनाना ठीक नहीं है। वानखेड़े के खिलाफ मलिक के आरोपों को निराधार बताते हुए अठावले ने कहा था कि अधिकारी ने कुछ गलत नहीं किया है। उन्होंने मलिक पर वानखेड़े पर निशाना साधते हुए इस मामले को एक धार्मिक और जातिगत रंग देने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया। इस बीच, मलिक के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए वानखेड़े ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उनकी निजी जानकारी ट्वीटर पर जारी करने का मंत्री का कृत्य अपमानजनक और उनके परिवार की निजता पर अनावश्यक हमला है।

 

 

 

वानखेड़े ने कहा कि यह उनकी, उनके परिवार, उनके पिता और दिवंगत मां की छवि बिगाड़ने के मकसद से किया गया। उन्होंने कहा कि उनके पिता ज्ञानदेव काचरुजी वानखेड़े राज्य आबकारी विभाग के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर पद से जून 2007 में सेवानिवृत्त हुए। उनके पिता हिंदू हैं और उनकी दिवंगत मां जहीदा एक मुसलमान थीं। वानखेड़े ने कहा कि वह सच्ची भारतीय परंपरा में एक समग्र बहु-धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें अपनी विरासत पर गर्व है। एनसीबी अधिकारी ने यह भी बताया कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत 2006 में डॉ. शबाना कुरैशी से शादी की थी। दोनों ने 2016 में आपसी सहमति से तलाक ले लिया था। बाद में 2017 में उन्होंने क्रांति रेडकर से शादी की थी।