नई दिल्ली। प्रेस निकायों के एक समूह ने रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेजों के आधार पर राफेल सौदे पर लेख प्रकाशित करने के लिए द हिंदू अखबार पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत कार्वाई करने की सरकार की धमकी पर बृहस्पतिवार को चिंता जताई और कहा कि इस कानून की समीक्षा की जरुरत है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमंस प्रेस कोर और प्रेस एसोसिएशन ने एक संयुक्त बयान में कहा, हम मानते हैं कि समय आ गया है कि सरकारी गोपनीयता कानून के साथ मानहानि कानून की चौथे स्तंभ के खिलाफ संभावित दुरुपयोग के मद्देनजर समीक्षा की जाए। सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए और उसने राफेल पर पुनर्विचार याचिका तथा गलत बयानी संबधी आवेदन खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि चोरी किए गए दस्तावेजों पर आधारित हैं।
संयुक्त बयान में कहा गया है
संयुक्त बयान में कहा गया है, हम पत्रकार संगठन भारत के अटॉर्नी जनरल द्वारा दिए गए बयानों पर चिंता जताते हैं कि द हिंदू अखबार में प्रकाशित राफेल सौदे पर खबरें रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए दस्तावेजों पर आधारित हैं। इसमें कहा गया है, चौथा स्तंभ दोहरी जिम्मेदारी से बंधा हुआ है। उसका काम सवाल उठाने के साथ-साथ जनता के हित में क्या है इसकी रिपोर्टिंग करना है चाहे कोई भी सरकार सत्ता में हो। यह इसकी नैतिक जिम्मेदारी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के शीर्ष अधिकारी इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने से रोक रहे हैं।