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श्रद्धा व सत्कार से मना गुरू ग्रन्थ साहिब का प्रकाश पर्व

गुरबाणी कहे सेवक जन माने परतख गुरू निस्तारे…
लखनऊ। जुगो-जुग अटल साहिब श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी महाराज के 420वां प्रकाश पर्व सिख सेवक जत्थे एवं श्री गुरु सिंह सभा की ओर से ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिण्डोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
प्रात: का कार्यक्रम शबद चौकी से आरम्भ हुआ जिसमें पारम्परिक वेशभूषा में सुसज्जित पांच प्यारों की अगुवाई में पुरूष, महिलाएं व बच्चे फूलों से सुसज्जित भव्य पालकी साहिब में विराजमान श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी को अपने कन्धों पर उठाकर शबद कीर्तन, वाहिगुरू का जाप करते सुगन्धित इत्र व फूलों की बरखा कर रहे थे।
खालसा इण्टर कालेज के छात्र एवं गुरू नानक विद्यालय चन्दर नगर की छात्राएं अपनी-अपनी वर्दी में बैण्ड बाजों तथा मधुर धुने बजाकर संगत का मन लुभा रहे थे। शबद चौकी के मार्ग को गुब्बारों के साथ बड़ी खूबसूरती से सजाया गया था गुब्बारों, फूलों एवं बिजली की झालरों के साथ सजाए गये दीवान हाल में श्री गुरू ग्रन्थ साहिब का प्रकाश किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्टेज सेक्रेट्री सतपाल सिंह मीत ने बताया कि 2 सितंबर को रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब जी के पाठ की समाप्ति के उपरान्त रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने आसा दी वार का अमृतमयी कीर्तन गायन किया।
रागी जत्था भाई गुरमीत सिंह जी गुरुद्वारा आशियाना वालों ने अपनी मधुरबाणी में सभ सिक्खन को हुकम है, गुरू मानिओ ग्रन्थ…, बाणी गुरू गुरू है बाणी विच बाणी अमृत सारे। गुरबाणी कहे सेवक जन माने परतख गुरू निस्तारे… शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को निहाल किया।
ज्ञानी गुरजिन्दर सिंह जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज बाणी का व्याख्यान किया। विशेष रूप से पधारे रागी जत्था भाई हरभेज सिंह जी वडाला हजूरी रागी श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब ने ऐसै गुरू कउन बलि बलि जाइये आप मुकतु मोहि तारै…,दम दम सदा समालदा दम न बिरथा जाए…,शबद कीर्तन गायन संगत को मंत्र मुग्ध कर दिया। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्याओं एवं सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया।

लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स. राजेन्द्र सिंह बग्गा ने सिख सेवक जत्थे द्वारा श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के प्रकाश पर्व मनाये जाने एवं कार्यक्रमों के सहयोगी जत्थे बन्दियों की सराहना की और प्रकाश पर्व की बधाई दी। सिख सेवक जत्थे के अध्यक्ष स. राजवन्त सिंह बग्गा, स. कुलवन्त सिंह ने प्रकाश पर्व के अवसर पर पधारे रागी जत्थों, प्रचारक एवं समूह साध संगत का आभार प्रकट किया। संपूर्ण कार्यक्रम श्री गुरु सिंह सभा के महामंत्री हरमिंदर सिंह टीटू की देखरेख में संपन्न हुआ। दीवान की समाप्ति के उपरान्त कुलदीप सिंह सलूजा एवं सिक्ख यंगमेन्स एसोसिएशन की देखरेख में दशमेश सेवा सोसाइटी के सदस्यों द्वारा गुरू का लंगर समूह संगत में वितरित किया गया, समागम में जल की सेवा सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी एवं हैप्पी मिलन वाटर द्वारा की गई।

याहियागंज गुरुद्वारे में मना प्रकाश पर्व


लखनऊ। ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व आज शाम बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि डॉक्टर गुरमीत सिंह के संयोजन मे विशेष रूप से भाई हरभेज सिंह वडाला श्री दरबार साहब श्री अमृतसर ने शबद कीर्तन द्वारा संगतो को निहाल किया। कार्यक्रम की शुरूआत शाम 7 बजे हुई एवं समाप्ति देर रात हुई। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब को विशेष रूप से सजाया गया था। इस अवसर पर डॉक्टर अमरजोत सिंह ने संगतो को प्रकाश पर्व की बधाई दी। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की संपादना सिखों के 5वें गुरु श्री गुरु अर्जुनदेव द्वारा की गई। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु अर्जुनदेव ने अपने से पहले चारों गुरुओं द्वारा रची गई वाणी, अपनी गुरुवाणी, उस वक्त के निर्गुण विचारधारा के 15 भक्तों की वाणी, गुरु घर के अनन्य सेवक बलवंत जी, सुन्दर जी और 11 भट्टो की वाणी का समावेश किया गया। गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी में मुल्तानी, पंजाबी, हिन्दी, सिंधी, मराठी, व्रज, गुजराती, अरबी, फारसी भाषाओं का समावेश है। माना जाता है प्रभु परमात्मा द्वारा जो वाणी गुरुओं को सुनाई गई थी, वही गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी में मौजूद है। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर सहित देश भर में गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

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