28 जिलों में बिजली कटौती

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन वर्तमान में कोयले की कमी से परेशान है। उत्पादन कम होने से 28 जिलो में तीन से चार घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गयी है। मांग के मुकाबले उपलब्धता कम होने की वजह से गांवों, तहसील मुख्यालयों के साथ-साथ अब शहरों में भी बिजली कटौती शुरू हो गयी है। स्थिति यह है कि हरदुआगंज में मात्र एक दिन का और पारीक्षा विद्युत संयंत्र में एक दिन से भी कम का कोयला बचा है। यदि सोमवार तक कोयले की आपूर्ति नहीं हो पायी तो ये दोनों संयंत्र भी बंद हो सकते हैं। आलम यह है कि अब नगर मुख्यालयों में भी डेढ़ से चार घंटे की कटौती शुरू हो गयी है। हालांकि अघोषित रूप से कटौती की जा रही थी पर अब हालात और विकट हो गये हैं। अम्बेडकर नगर के अधीक्षण अभियंता ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को लिखित रूप से कहा है कि जिले की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो गयी है। जल्द ही जिले को बिजली नहीं मिली तो उपभोक्ता उपकेन्द्रों का घेराव करना शुरू कर देंगे। राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों का कहना है कि हरदुआगंज व पारीछा में कोयले का स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है। हरदुआगंज में 8000, पारीछा में 15000, अनपरा में 40,000 तथा ओबरा में 16000 मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता है। अनपरा में दो दिन और ओबरा में ढाई दिन का कोयला शेष बचा है।

 

 

बताया यह जा रहा है कि हरदुआगंज और ओबरा में तो चार-चार रैकों की व्यवस्था की जा रही लेकिन अनपरा और ओबरा में इस तरह का कोई इंतजाम अभी नहीं किया जा रहा है। ऊंचाहार (रायबरेली) में एनटीपीसी परियोजना में कोयले का संकट गहराता जा रहा है। कोयले की कमी से रविवार को एक और यूनिट को बंद कर दिया गया है। चार दिन पहले छह नंबर यूनिट को बंद किया गया था। अब तक दो यूनिटें बंद हो चुकी हैं। यही हाल रहा तो बाकी यूनिटों पर असर पड़ सकता है। यूनिटें पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। हालांकि प्रबंधन दो नंबर यूनिट को मरम्मत के लिए बंद करने का दावा कर रहा है। एनटीपीसी परियोजना ऊंचाहार में पांच यूनिटें 210 मेगावाट, जबकि छह नंबर यूनिट 500 मेगावाट बिजली उत्पादन करती है। पिछले माह से मांग के सापेक्ष कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से गुरुवार को परियोजना की सबसे ज्यादा 500 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली यूनिट नंबर छह को बंद कर दिया गया था। कोयले की आपूर्ति न होने से परियोजना की सभी यूनिटों के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। यदि ऐसा होता है तो आपूर्ति वाले राज्यों में बिजली का संकट और गहरा जायेगा।

 

 


 

 

सीएम योगी ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र

 

लखनऊ। इन दिनों कोयले की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित होने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। उत्तर प्रदेश में ब्लैक आउट से निपटने को तैयार मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को कोयला की कमी को पूरा करने का निर्देश देने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने और प्रदेश को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने का आग्रह करते हुए पत्र भी लिखा है। यूपी में बिजली का उत्पादन करने वाली कई कंपनियों में कोयले की कमी की आशंका को लेकर कुछ यूनिटों ने उत्पादन बंद कर दिया है। ऐसे में प्रदेश में ब्लैक आउट की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सतर्क हो गये हैं। उन्होंने बिजली विभाग के साथ ही नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को कोयला के अतिरिक्त प्रबंध करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कोयला की कमी के कारण बिजली उत्पादन में कमी न होने पाये।

 

 

सभी अधिकारी अपने स्तर से कोयले की आपूर्ति के लिए जरूरी बंदोबस्त करें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अतिरिक्त कोयला की मांग की है। कोयला की कमी होने पर उत्तर प्रदेश में बिजली का संकट गहराये, इससे पहले ही योगी ने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर कर दिया है। दूसरी ओर, कोयला कम मिलने केकारण बिजली संकट की संभावना पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कोयले की कमी के कारण यह संकट गहरा सकता है। यूपी के कई जिलों के ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती की जा रही है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में कई-कई घंटे बिजली कटौती की जा रही है। जिला मुख्यालयों और शहरी इलाकों में बिजली की कटौती नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पूल से यूपी को मिलने वाली बिजली का कोटा भी कम हो गया है। जरूरत के सापेक्ष करीब आठ हजार मेगावाट बिजली की कमी दिखायी दे रही है। डिमांड और सप्लाई के बीच की खाई करीब 4,000 मेगावाट बढ़ी है।

 


देश में कोयले का पर्याप्त भंडार

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत 6 राज्यों में बिजली संकट की आहट शुरू हो गई है। राज्यों ने केंद्र सरकार से बिजली संकट से निपटने के लिए कोटा के हिसाब से राज्य की कोयला आपूर्ति को बढ़ाने की मांग की है। दिल्ली के बिजली मंत्रालय बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारियों ने बिजली प्लांट में कोयले की कमी को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। ऊर्जा मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि दिल्ली को आवश्यक बिजली सप्लाई हो रही है और वो आगे भी जारी रहेगी। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जोशी ने भी कहा कि मोदी सरकार सभी को आश्वस्त कर रही है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने का कोई खतरा नहीं है। कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिन की कोयले की मांग के बराबर 43 मिलियन टन कोयले का पर्याप्त स्टॉक है।

 

 

 

थर्मल पावर प्लांट्स में रोलिंग स्टॉक दैनिक आपूर्ति के साथ भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मानसून की वापसी के साथ, आने वाले दिनों में कोयले की खेप बढ़ने से कोयले का स्टॉक बढ़ जाएगा। कोयले का पर्याप्त भंडार है, डरने की जरूरत नहीं है। सिंह ने भी कहा – बिजली की कमी नहीं होगी। हमारे पास एक औसत कोयला भंडार (पावर स्टेशन पर) है जो 4 दिन से अधिक समय तक चल सकता है। स्टॉक हर दिन भर दिया जाता है। मैं केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी के संपर्क में हूं। कोयले की कमी को लेकर डर पैदा किया जा रहा है। इसकी वजह ॠअकछ और टाटा के बीच हुआ गलत कम्युनिकेशन है। सिंह ने कहा कि वास्तव में न तो कोई संकट था और न ही कोई संकट है। मैंने टाटा पावर के उएड को कार्रवाई की चेतावनी दी है, अगर वे ग्राहकों को डर पैदा करने वाले आधारहीन मैसेज भेजते हैं तो कार्रवाई होगी।

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