दसलक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म का पूजन
लखनऊ। जैन धर्म के सबसे बड़े दसलक्षण पर्व के तीसरे दिन मंगलवार को जैन मंदिरों में श्रद्धालुओं ने आत्मा के तृतीय धर्म उत्तम आर्जव धर्म का पूजन भक्तिभाव से किया। पीले वस्त्र पहन कर अष्ट द्रव्यों से भगवान आदिनाथ की अर्चना की। स्वर्ण व रजत कलशों से भगवान का अभिषेक और शांतिधारा की गई। काकोरी जैन मंदिर में अपने प्रवचन में मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने बताया कि मायाचारी (कपट) व दूसरों का दिल दुखा के अर्जित किया गया धन ज्यादा दिन नहीं टिकता। जैसे आता है वैसे ही चला जाता है। चौक में श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में इस पर्व के उपलक्ष पर अशोक जैन को सौधर्म इंद्र बनने का शुभ अवसर मिला।
आशियाना जैन मंदिर में हुई परिचर्चा
आशियाना जैन मंदिर उत्तम आर्जव धर्म का पूजन, अभिषेक व शान्तिधारा के बाद शाम को महिला मंडल की ओर से धार्मिक विषयों पर परिचर्चा हुयी। इसमें डॉ. अभय कुमार जैन, एसके मोदी, अंकित जैन, चन्द्रप्रकाश जैन, अल्पना जैन, रिमझिम शाह आदि ने हिस्सा लिया।
व्यक्ति को भावों में निर्मलता रखनी चाहिए: शुभि दीदी
आज जैन धर्म के 9 वें तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याणक धूमधाम से मनाया जायेगा
लखनऊ। जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व दशलक्षण के तीसरे दिन जैन मंदिर इंदिरा नगर में प्रात: उत्तम आर्जव धर्म की पूजा की गई। सर्वप्रथम आकाश जैन द्वारा भगवान का स्वर्ण कलश से अभिषेक एवं शांतिधारा की गई । बाल ब्रह्मचारी शुभि दीदी द्वारा बताया गया कि व्यक्ति को भावों में निर्मलता रखनी चाहिए मायाचारी नहीं करनी चाहिये । मायाचारी करने वाले व्यक्ति को तिर्यंच गति का बंध होता है । आर्जव धर्म हमें सदाचार सिखाता हैं । प्राणिमात्र के प्रति करुणा एवं वात्सल्यता सिखाता है। जीवन को सुखमय एवं कल्याणकारी बनाने के लिए उत्तम आर्जव धर्म को अंगीकार करना ही होगा। जैन समाज के मंत्री अभिषेक जैन में बताया कि बुधवार अष्टमी को सूबह 8 बजे जैन धर्म के 9 वें तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याणक जैन मंदिर में बड़ी ही धूम धाम से मनाया जायेगा। इस अवसर पर भगवान को लाडू समर्पित किया जाएगा। इस अवसर पर भरत जैन, अक्षत जैन, अक्षय जैन, आनंद जैन, अभय जैन उपस्थित रहे ।