लखनऊ। गणेशोत्सव को लेकर राजधानी लखनऊ में बप्पा की मनमोहक मूर्तियों से बाजार पूरी तरह से सजने लगे हैं। जगह-जगह छोटी-बड़ी दुकानें लगाई गयी हैं, जहां तरह-तरह के गणेश जी की मूर्तियां बिकने के लिए आयी हैं। शहर में कई जगह अस्थाई दुकानें सज गई हैं।
गणपति बप्पा की मूर्ति के लिए मूर्ति विक्रेताओं एवं निमार्ताओं को आर्डर भी मिल रहे हैं। इस बार गणेश उत्सव 7 सितबंर से शुरू हो रहा है, जिसको लेकर बाजारों में भी अभी से खरीदारी के लिए खासी भीड़ उमड़ रही है। मूर्तिकार और कारीगर गणेश प्रतिमा को बनाने के काम में जुट गए हैं। छोटी मूर्तियों की सजावट का काम भी जोर शोर से चल रहा है। इस बार महंगाई का असर भगवान गणेश की मूर्तियों पर भी देखने को मिलेगा। मूर्तिकारों ने बताया कि लगभग 20 से 25 फीसदी तक मूर्तियां महंगी हो जाएगी। मूर्तिकार अलग अलग डिजाइन और पैटर्न में गणेश प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं। बाजार में 8 इंच से लेकर 14 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं बाजार में देखने को मिलेंगी।
गणपति पूजा पर दिखेगा महंगाई का असर:
इस बार गणपति पूजा पर महंगाई का असर दिखेगा। मूर्ति बना रहे कारीगर अमरीश ने कहा है कि हर साल की तरह इस साल भी भगवान गणेश जी की मूर्ति को बनाने का काम 2 महीने पहले शुरू किया गया था। गणेश की छोटी मूर्तियों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। अब बड़ी मूर्तियों के सजावट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस साल मूर्तियों को बनाने में लगने वाले कच्चे सामान जैसे मिट्टी, लकड़ी, बांस, और पैरा के दाम बढ़ने के कारण मूर्ति के भी दाम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, साथ ही इस बार कोरोना का असर कम होने के कारण बाजार में लगभग 14 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी। दुकानदार राजू ने बताया कि इस बार मूर्तियों की कीमत लगभग 15.20 प्रतिशत बढ़ गयी है, जिसकी सीधी वजह है अखबार का महंगा होना। जो अखबार पिछले साल तक 10 रुपये किलो मिलता था, इस बार वही अखबार की कीमत 30 रुपये किलो तक पहुँच गयी है। बड़ी मूर्तियों को बनाने के लिए काफी अखबार की जरूरत पड़ती है। इसलिए जो मूर्ति पिछले साल तक 2000 की मिलती थी वो अब 2500 तक की हो गयी है।
भगवान गणेश जी की मूर्ति को आकर्षक रूप देने का काम तेज:
छोटी और आकर्षक गणेश प्रतिमा का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उसका सजावट करने वाली महिला सुरेखा ने बताया कि इन छोटी, बड़ी और आकर्षक मूर्तियों को सजाने में भी काफी समय लगता है। घर के काम से समय निकालकर भगवान गणेश की इन प्रतिमाओं को सजाने के लिए गणेश जी को पगड़ी पहनाना, लेस स्टोन जैसी चीजें सजावट करके इन मूर्तियों को आकर्षक रूप दिया जा रहा है।
कई पैटर्न और डिजाइन में तैयार की गयी गणेश प्रतिमा:
मूर्तिकार अमित सेन ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी गणेश प्रतिमा का निर्माण कार्य पिछले 2 महीने से किया जा रहा है। 8 इंच से लेकर लगभग 14 फीट तक की गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। मूर्ति की कीमत लगभग 1500 रुपए से लेकर 11 हजार रुपये तक होंगी। मूर्तिकार को उम्मीद है कि इस बार ग्राहकी और बाजार भी अच्छा रहेगा।
इको फ्रेंडली हैं मूर्तियां:
उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने उन्हें मूर्ति तैयार करने का आॅर्डर दिया था उनकी मूर्तियां तैयार हो चुकी हैं, जबकि कई लोग एडवांस बुकिंग करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गणेश चतुर्थी पर सभी मूर्तियां इको फ्रेंडली बनाई गई हैं। इन मूर्तियों को कच्ची मिट्टी से बनाया गया है, यानी विसर्जन के वक्त नदी में बहते ही सिर्फ पांच मिनट के अंदर ही यह पूरी मिट्टी की तरह पानी में घुल जाएंगी, जिससे नदी को नुकसान नहीं होगा।
शुभ हैं ये अवतार:
राजकुमार ने बताया कि वह मूर्तिकार हैं, हमेशा से ही मूर्तियां तैयार कर रहे हैं, लेकिन लखनऊ के लोगों की ओर से इस तरह का खास आदेश पहली बार आया है जब लोगों ने कहा कि उन्हें गजानन की मूर्ति डमरू, शिवलिंग, मोर और सिंहासन के साथ ही गाय के साथ चाहिए। इसी के साथ ही उनका मूषक भी लोगों को चाहिए था इसीलिए लोगों के आदेश के अनुसार मूर्तियां तैयार कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि गणेश भगवान को गाय, डमरू और मोर के साथ ही सिंहासन या शिवलिंग के साथ रखना घर में शुभ माना जाता है।
मोर, डमरू और सिंहासन पर सवार होंगे गजानन
शहर के सबसे पुराने लकड़मंडी बाजार में कई सालों से गणपति बप्पा गौरी पुत्र गणेश जी की मूर्तियां तैयार कर रहे राजकुमार ने बताया कि जिस तरह से गणेश भगवान के नाम हैं जैसे सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन उसी के अनुसार मूर्तियां तैयार की जाती हैं। इस साल लोगों ने उन्हें खास आदेश दिया था कि गजानन की मूर्तियां मोर, डमरू, सिंहासन, गाय और शिवलिंग के साथ ही होनी चाहिए इसीलिए इस बार ज्यादातर मूर्तियों को यही रूप देकर तैयार किया गया है। छोटी मूर्तियों की कीमत जहां 1000 रूपए से लेकर 3000 रूपए तक है तो वहीं बड़ी मूर्तियां कीमत 7000 रूपए से लेकर 20,000 रूपए तक है।
जगन्नाथपुरी मंदिर में इस बार विराजेंगे पेपर मिल के बप्पा
पेपर मिल कॉलोनी, निशातगंज में आयोजित गणेश उत्सव में इस बार भक्तों को जगन्ननाथपुरी मंडप के भव्य दर्शन होंगे। इसी जगन्नाथपुरी मंदिर के आकार में सजे भव्य पंडाल में पेपर मिल के बप्पा भक्तों को दर्शन देंगे। यहां गणेश उत्सव सात सितम्बर से 15 सितम्बर तक आयोजित होगा। सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी अक्षय समिति के महासचिव रोहित आहूजा ने दी। उन्होंने बताया कि बीते 14 वर्षों से पेपर मिल कॉलोनी में अक्षय समिति द्वारा भव्य गणेश चतुर्थी समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसे पेपर मिल के बप्पा के नाम से जाना जाता है। गणेश उत्सव के दौरान हर रोज शाम को सामूहिक आरती होगी। इसमें सभी भक्त जनों को आरती का मौका मिलता है। फिर गंगा आरती होती है। इसके बाद प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। भजन संध्या, नृत्य और नाटिका प्रस्तुत की जाएगी।