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मध्यप्रदेश: शिक्षक ने चार साल की मासूम से किया था दुष्कर्म, दो मार्च को होगी फांसी

जबलपुर (मध्यप्रदेश)। मध्यप्रदेश के सतना जिले की एक अदालत ने चार वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार करने के मामले में 28 वर्षीय सरकारी अतिथि शिक्षक महेंद्र सिंह गोंड का फांसी वारंट जारी कर दिया है। यह वारंट जबलपुर केन्द्रीय जेल को भेजा गया है और 2 मार्च को इस शिक्षक को फांसी पर लटकाने की तिथि तय की गई है।

दोषी ने मासूम का अपहरण किया

बीते 30 जून 2018 को दोषी ने मासूम का अपहरण किया था। उसे जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया। मासूम को मरा समझ कर उसे जंगल में ही छोड़ दिया था। उसके परिजनों ने उसे देर रात जंगल में पाया और तुरंत अस्पताल लेकर गए। राज्य सरकार ने उसे तुरंत एयरलिफ्ट करके दिल्ली भेजा। इस मामले ने देश में सनसनी मचा दी थी। दोषी को कुछ देर में ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

गोंड खुद को सुनाई गई फांसी की सजा

हालांकि, उसके लिए अपनी फांसी को रूकवाने के वास्ते उच्चतम न्यायालय में जाने के साथ-साथ राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पेश करने के विकल्प अब भी खुले हुए हैं। जबलपुर केन्द्रीय जेल के विधि अधिकारी अशोक सिंह ने बताया, बलात्कार के दोषी पाए गए महेन्द्र सिंह गोंड को फांसी पर लटकाने का वारंट सुनवाई अदालत से ई-मेल के जरिए जबलपुर केन्द्रीय जेल को मिला है। वारंट के अनुसार 2 मार्च 2019 की तारीख उसे फांसी पर लटकाने के लिए तय की गई है। उन्होंने कहा, गोंड खुद को सुनाई गई फांसी की सजा को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने जा रहे हैं, जिसकी प्रक्रिया भी जारी है।

फांसी रूकवाने के लिए उच्चतम न्यायालय

सिंह ने कहा, फांसी रूकवाने के लिए उच्चतम न्यायालय में जाने के साथ-साथ गोंड के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पेश करने का विकल्प अब भी खुला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उसे फांसी तभी दी जाएगी, जब फांसी को रूकवाने के लिए उसके सारे उपलब्ध विकल्प खत्म हो जाएंगे। सतना जिले की नागौद अदालत के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने चार वर्षीय बच्ची का अपहरण कर बलात्कार करने के मामले में महेंद्र सिंह गोंड को दोषी करार देते हुए 19 सितंबर को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिसे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 25 जनवरी को बरकरार रखा। शर्मा की अदालत ने शिक्षक के इस अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी वाला माना था और उसे भादंवि की धारा 376 (क, ख) तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा 5ा6 के तहत मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।

धारा 376 (क ख) में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची

धारा 376 (क ख) में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ मृत्युदंड का प्रावधान हाल ही में किया गया है। इसके अलावा, अदालत ने महेंद्र को भादंवि की धारा 363 के तहत 7 साल सश्रम कारावास और 5,000 रूपए के अर्थदंड की सजा भी सुनाई थी। सिंह ने बताया कि बलात्कार की यह घटना सतना जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर उचेहरा थाना क्षेत्र के पन्ना गांव में पिछले साल एक जुलाई की रात को हुई थी। अपने घर के बाहर सो रही बच्ची को महेंद्र अगवा कर ले गया था और दुष्कर्म करने के बाद उसे सुनसान इलाके में फेंक दिया था। दो जुलाई को तड़के बच्ची गंभीर हालत गांव के पास ही सुनसान इलाके में झाडय़िों में मिली थी और उसी दिन महेंद्र गोंड को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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