7 को निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, शहर में तैयारियां शुरू

लखनऊ। हर साल रथ यात्रा से पहले ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक प्रभु जगन्नाथ बीमार पड़ते हैं। भक्तों के लिए मंदिर के कपाट एक पखवाड़े तक बंद कर दिए जाते हैं। जिसे मंदिर की भाषा में अनासार कहा जाता है। इस अवधि में भगवान के दर्शन बंद रहते हैं व भगवान को जड़ी बूटियों के काढ़े का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा हजारों साल से चली आ रही है। भगवान रथयात्रा से एक दिन पहले स्वस्थ होते हैं। तब उन्हें मंदिर के गर्भ गृह में वापस लाया जाता है। सात जुलाई को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी रोहिणी से भेंट करने जाते हैं यहां तरह-तरह के पकवान से प्रभु को भोग लगाया जाता है। भगवान यहां नौ दिन तक रहते हैं और उसके बाद अपनी मौसी के घर से वापस अपने मंदिर में लौट आयेंगे। रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर पुरी नगर से गुजरते हुए गुंडीचा मंदिर पहुंचती है। यहां भगवान जगन्नाथ, बलरामजी और बहन सुभद्रा सात दिन विश्राम करते हैं। गुंडीचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवशिल्पी विश्वकर्मा ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा की प्रतिमाओं का निर्माण किया था। आषाढ़ मास के दसवें दिन सभी रथ फिर से मुख्य मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। रथों की वापसी की रस्म को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।

रथ यात्रा से जुड़ी खास बातें
पुरी में रथयात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम व बहन सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ बनाए जाते हैं। रथयात्रा में सबसे आगे बलराम जी का रथ, बीच में देवी सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ होता है। बलराम के रथ को ‘तालध्वज’ कहते हैं। जिसका रंग लाल और हरा होता है। देवी सुभद्रा के रथ को ‘पद्म रथ’ या ‘दर्पदलन’ कहा जाता है, जो काले और लाल रंग का होता है। भगवान जगन्नाथ के रथ को ‘गरुड़ध्वज’ या ‘नंदीघोष’ कहते हैं, जो कि लाल और पीला होता है। सभी रथ नीम की लकड़ियों से तैयार किए जाते हैं। जिसे ‘दारु’ कहते हैं। इसके लिए जगन्नाथ मंदिर में एक खास समिति का निर्माण किया जाता है। भगवान जगन्नाथ का रथ 45.6 फीट ऊंचा, बलराम जी का रथ 45 फीट और देवी सुभद्रा का रथ 44.6 फीट ऊंचा होता है।

शहर के श्री माधव मंदिर से निकलेगी श्री जगन्नाथ रथ यात्रा
लखनऊ। डालीगंज स्थित 63वां श्री माधव मंदिर वार्षिकोत्सव व श्री जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव में पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। प्रवक्ता अनुराग साहू ने बताया कार्यक्रम की शुरूआत 4 जुलाई को सामूहिक हवन यज्ञ, 5 जुलाई को श्री कृष्ण लीलाओं पर नृत्य नाटिका, 6 जुलाई को सुंदर कांड,भजन संध्या, 7 जुलाई को श्री जगन्नाथ रथ यात्रा, 8 जुलाई को संत सम्मेलन एवं भंडारा का आयोजन किया जाएगा।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि 7 जुलाई को श्री जगन्नाथ रथ यात्रा सायं 4 बजे श्रीमाधव मंदिर से प्रारंभ होकर, नजीरगंज, शंकरनगर, श्री राम कृष्ण मठ, अयोध्या रोड रामाधीन सिंह लान, चरही, पन्ना लाल चौराहा, डालीगंज पुल होते हुए डालीगंज बाजार, हसनगंज कोतवाली, मंदिर पर सम्पन्न होगी।

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