लखनऊ। सुखकर्ता दु:खहर्ता वार्ता विघ्नाची, नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची गणपति की आरती के साथ शनिवार को शहर के विभिन्न स्थानों में बने पंडालों में गजानन की पूजा अर्चना की गई। पार्वती के लाल करें सबको निहाल की धुन पर झूमे श्रद्धालु, गणपति बप्पा मोरया, जय गणेश जय गणेश के उद्घोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। राजधानी में बने पंडालों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटने लगी थी। हर कोई गणपति बप्पा की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई दे रहा था। भक्तों ने गजानन की मूर्ति स्थापना में शामिल होकर विधि विधान से पूजा अर्चना की और बप्पा के जयकारे लगाये। इस दौरान पूरा पंडाल भगवान गणेश की भक्ति में लीन नजर आया।
मनौतियों के राजा के दरबार मे रामलीला का हुआ मंचन
लखनऊ। श्री गणेश प्राकट्य कमेटी के तत्वावधान में झूलेलाल वाटिका निकट हनुमान सेतु के पास चल रहे 19 वां मनौतियों के राजा का गणेशोत्सव के आठवें दिन शनिवार को सुबह मनौतियों के राजा की विशेष पूजा हुई। जो आकर्षण का केन्द्र बनी रही। अयोध्या और बनारस से आये आचार्यो ने पूरे विधिविधान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान गणेश के सहस्त्र नामों के साथ पूजन सम्पन्न कराया।
शाम को बप्पा के दरबार में राजधानी लखनऊ के कलाकार अलकेश ग्रुप द्वारा रामलीला का प्रभावशाली मंचन किया गया। लीला मे राम जन्म से लेकर राम विवाह तक लीला का मंचन किया गया। उसके बाद कोलकाता के संजय शर्मा के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुये। संजय ने शुरूआत भजन से की। भजन राधे तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाये…, सुनाकर माहौल को भक्ति मय बनाया।
उसके बाद भोले को कैसे मै मनाऊ रे, मेरा भोला न माने…, इसी क्रम मे गिरजा के लाला रखियो मेरी लाज रे…, सुनाया तो बप्पा के जयकारे गूंजने लगे। बाद में एक नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। भगवान् श्रीकृष्ण और राधे की लीला को नृत्य के माध्यम से दिखाया गया।
मनौतियों के राजा के पंडाल के बाहर लगे मेले मे महिला एवं बच्चों के लिए विशेष प्रकार के झूले लगाए गए हैं। इसके अलावा फूड जोन, किड्स जोन, गेम जोन, शापिंग जोन, लाइव प्रोग्राम नृत्य नाटिका एवं भजन, सिंगर सेलेब्रिटी मुख्य आकर्षण है। महामंत्री सतीश अग्रवाल ने बताया कि श्रंगार एवं आरती प्रतिदिन प्रात: 10 बजे एवं सायं 6:00 बजे होगी। इसमें सभी श्रद्धालु भाग ले सकते हैं । इसके अलावा प्रतिदिन प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे एवं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक तक मनौतियों के राजा के दर्शन होंगे। विगत वर्षो की भांति इस बार भी मनोतियों के राजा श्री गजानन के नाम चिट्ठी प्रतिदिन प्रात: 10 बजे से सायं 6:00 बजे तक श्रद्धालु लिख सकते हैं। कमेटी के संरक्षक भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि गणेश उत्सव के नौ वे दिन कल 15 सितम्बर दिन रविवार को पाशांकुश पूजन मध्यान्ह 12 बजे होगी।
इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष घनश्यामदास अग्रवाल, उपाध्यक्ष व पार्षद रंजीत सिंह, कमेटी के सदस्य संजय सिंह गांधी, देशराज अग्रवाल, जयकरण सिंह, मुकेश शुक्ला, मुकेश जिन्दल, शरद अग्रवाल, अखिलेश बंसल, योगेश बंसल, अजय अग्रवाल, अतुल बंसल, नीलेश अग्रवाल टाटा, रामशंकर वर्मा, नरेश अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, सुधांशु बाथम, रोहित अग्रवाल मौजूद रहे।
मुंबई की तर्ज पर की गई स्थापना:
दरअसल झूलेलाल वाटिका में मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर की तर्ज पर ही मूर्ति की स्थापित की गई है। खास बात यह है कि यहां पर गौरी पुत्र गणेश को मनौतियों के राजा का नाम दिया गया है। यानी जो सभी की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। इस बार झूलेलाल वाटिका में श्री गणेश प्राकट्य कमेटी की ओर से भक्तों के लिए बड़ी संख्या में चिट्ठियां रखी गई हैं। कमेटी के संरक्षक भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि इस बार गणपति बप्पा का जो पंडाल बनाया गया है इसे साउथ इंडियन का टच दिया गया है। इसके अलावा मंदिर का पूरा पंडाल वाटरप्रूफ है। बप्पा की मूर्ति 8 फीट की है। एक महल का रूप इस पूरे पंडाल को दिया गया है। उन्होंने बताया कि पहले भी यहां पत्र रखे जाते थे और लोग प्रतिदिन 5000 पत्र उनके नाम लिखते थे, इसलिए इस बार पूरा बॉक्स लगा दिया गया है, जिसमें पत्र लिखकर लोग डाल देंगे और सभी पत्रों को विसर्जित अंतिम दिन कर दिया जाएगा।
बप्पा को लिखें चिट्ठी, पूरी होगी मनोकामना:
गणेश चतुर्थी पर्व की शुरूआत हो गई है। विघ्नहर्ता गणेश देवा की स्थापना सभी घरों में हो चुकी है। अपने बप्पा को लोग अपने-अपने घर लेकर आ चुके हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में झूलेलाल वाटिका का गणेश उत्सव लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। वजह यह है कि यहां पर एक बॉक्स लगाया गया है। इस बक्से के पास पत्र रखे हुए हैं, जिसमें 108 बार गणपति का मंत्र लिखने के बाद उसके नीचे भक्त अपनी मनोकामना लिखकर उसे बॉक्स में डाल सकते हैं। यह पत्र पूरी तरह से फ्री है। भक्तों की मनोकामना के इस पत्र को अंतिम दिन गणेश भगवान के साथ ही विसर्जित कर दिया जाता है। चिट्ठी, पेन और बॉक्स सब कुछ कमेटी की ओर से पंडाल में रखा गया है।
फिनिक्स मॉल में भगवान गणेश की मूर्ति बनीं आकर्षण का केन्द्र
गणेशोत्सव पर विभिन्न पंडालों में भगवान गणेश की अलग-अलग तरह की मूर्तियां स्थापित की गयी हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ भी रहे हैं। नवाबों के शहर में गणेश चतुर्थी के मौके पर लखनऊ के फिनिक्स मॉल में भगवान गणेश की एक विशाल मूर्ति को स्थापित किया गया है। इस मूर्ति की चर्चा इन दिनों सिर्फ लखनऊ में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में हो रही है। दरअसल, लखनऊ के इस मॉल में भगवान गणेश की जो मूर्ति स्थापित की गयी है, उसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह भारत की सबसे बड़ी गणपति की मूर्ति है। सिर्फ इतना ही नहीं, इस मूर्ति का निर्माण सिक्कों से किया गया है। इस उपलब्धि की वजह से फिनिक्स मॉल के गणपति का नाम एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स व इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है।
सिक्कों से बनी भगवान गणेश की सबसे बड़ी प्रतिमा
लखनऊ के फिनिक्स मॉल में भगवान गणेश की जिस प्रतिमा का अनावरण किया गया उसके बारे में दावा किया जाता है कि यह सिक्कों से बनी दुनिया की सबसे बड़ी भगवान गणेश की मूर्ति है। इस वजह से ही इस मूर्ति का नाम एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स व इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। अगर आप लखनऊ में रहते हैं और इस अनोखे गणपति प्रतिमा का अभी तक दर्शन नहीं किया है तो जल्दी किजीए क्योंकि अब बहुत ही कम समय के लिए यह प्रतिमा यहां रहने वाली है।
क्या है सिक्कों से बने गणपति की विशेषताएं
लखनऊ के फिनिक्स मॉल में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा का वजन 400 किग्रा से भी ज्यादा बताया जाता है। यह प्रतिमा 16.5 फीट लंबी, 9.5 फीट ऊंची और 6 फीट मोटी बतायी जाती है। इस मूर्ति को बनाने के लिए अलग-अलग मूल्यों के सिक्कों का इस्तेमाल किया गया है। पूरी मूर्ति को तैयार करने के लिए 1,00,000 से अधिक मूल्य के सिक्कों का इस्तेमाल किया गया है। मीडिया से बात करते हुए इस मॉल के निदेशक संजीव सरीन ने बताया कि हम कुछ अलग बनाने का प्रयास कर रहे थे। इस बार हम कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो सिर्फ लखनऊ के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए गर्व की बात हो। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि यह अनूठी गणेश प्रतिमा इस साल के गणेश चतुर्थी को और भी खास बनाएगी।
धूमधाम से निकली शोभा यात्रा, मूर्तियों का हुआ विसर्जन
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में चल रहे श्रीगणेश उत्सव में अब श्रीगणेश देव की विदाई का समय आ गया है। गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आना के घोष के साथ विसर्जन यात्रा निकली।
मंगलवार को गोमती तट पर झूलेलाल वाटिका के विसर्जन घाट पर अमीनाबाद के राजा सहित लगभग दो दर्जन प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। तट पर मेले का माहौल था, लोग नाचते-गाते गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाएं ला रहे थे।
शाम को परिवर्तन चौक से गोमती तट तक काफी संख्या में भक्त मूर्तियों को विसर्जन के लिए ले जाते दिखे। गोमती तट पर पहले से ही कई लोग विजर्सन करा रहे थे। वहां एक मेले का माहौल था। कहीं ढोल पर महिलाएं-पुरूष व युवा नाच रहे थे, तो कहीं लोग एक-दूसरे पर अबीर-गुलाल उड़ा रहे थे। अमीनाबाद में चल रही श्रीगणेश महोत्सव की विसर्जन यात्रा तिरंगे और भगवा रंग में साथ-साथ निकली। व्यापारियों ने यात्रा पर पुष्प वर्षा की। शहर में चल रहे श्रीगणेश महोत्सव अब अपने विश्राम की ओर हैैं। मूर्तियों के विसर्जन का क्रम शुरू हो गया। बहुत से जगहों पर आयोजित महोत्सव समाप्त हो गए। बहुत कम ही अभी भी गणेश महोत्सव चल रहे। अनंत चतुर्दशी पर महोत्सव पूरी तरह से सम्पन्न हो जाएगा।
ढोल ताशों संग हुआ विसर्जन
गणेश उत्सव मंडल, चौक द्वारा गणपति की भव्य मूर्ति का विसर्जन किया गया। शोभा यात्रा में सैकड़ों लोग सम्मलित थे। मराठी समाज द्वारा चौक चौराहे पर दही हांडी भी फोड़ी गई। शोभा यात्रा का मुख्य आकर्षण का केंद्र पुणे से आई हुई 70 लोगों की ढोल ताशे की टीम बनी। जिन्होनें जोश से अपना भक्ति भाव प्रदर्शित किया।
गाजे-बाजे के साथ बप्पा को किया विदा
लखनऊ। दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर अंसल के प्रबंधक अध्यक्ष अंशुल निगम द्वारा स्थापित गणपति जी का विसर्जन आज धूमधाम से गाजेबाजे के साथ कर दिया गया।
विसर्जन में मुख्य रूप से भाजपा एनजीओ प्रकोष्ठ लखनऊ के महानगर अध्यक्ष वा वरिष्ठ समाजसेवी अरुण प्रताप सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी बड़े भैया मनोज सिंह चौहान,खुरदहि व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुन्नू निगम, राकेश त्रिवेदी,चंदन शुक्ला प्रदेश संगठन मंत्री अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा, व्यापारी विक्रम गुप्ता, अंकित निगम, शिवम निगम, भाजपा नेता हिमांशु निगम,लोला यादव,राहुल तिवारी हरिकेश सिंह, जितेन्द्र सिंह, व्यापारी मोहित सोनी, व्यापारी आकाश सोनी, प्रहलाद सोनी, भाजपा कार्यकर्ता विवेक रावत, आकाश रावत, गोलू यादव, राहुल यादव, समेत काफी लोग शामिल रहें।