लखनऊ। गुरुवार को कोरोना जैसे वायरस HMPV का उत्तर प्रदेश में पहला केस पाया गया। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 60 साल की बुजुर्ग महिला संक्रमित पाई गई है। महिला को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इसके पहले केरल, कर्नाटक और गुजरात समेत कई राज्यों में HMPV का मामले पाए गए हैं।
बता दें की केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक डिजिटल बैठक की अध्यक्षता कर स्वास्थ्य सचिव ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों और एचएमपीवी मामलों एवं उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का जायजा लिया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि बैठक में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ शामिल हुए।
बैठक चीन में एचएमपीवी मामलों में वृद्धि की खबरों के बीच आयोजित की गई थी तथा उसी दिन कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में एचएमपीवी के पांच मामलों की पुष्टि हुई थी। एचएमपीवी को वैश्विक स्तर पर श्वसन संबंधी वायरस कहा जाता है। यह एक संक्रामक रोगाणु है जो किसी भी आयु वर्ग के लोगों में श्वसन संबंधी संक्रमण का कारण बन सकता है। बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान यह बात दोहराई गई कि आईडीएसपी के आंकड़ों से देश में कहीं भी आईएलआई और एसएआरआई के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि के संकेत नहीं मिले हैं। बयान के अनुसार, आईसीएमआर के प्रहरी निगरानी डाटा से भी इसकी पुष्टि होती है। बयान में कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि एचएमपीवी 2001 से ही विश्व स्तर पर मौजूद है। उन्होंने राज्यों को आईएलआई/ एसएआरआई निगरानी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने की सलाह दी।
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