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मोक्ष की प्राप्ति के लिए उत्तम त्याग नितांत आवश्यक

दशलक्षण पर्व
लखनऊ। दसलक्षण पर्व के अष्टम दिन आज उत्तम त्याग धर्म की पूजा की गई। जैन मंदिर इंदिरा नगर मे रविवार अवकाश होने के कारण भक्तों की भारी भीड़ रही । बाल ब्रह्मचारिणी शुभी दीदी ने बताया की उत्तम त्याग करने को शास्त्रों मे का गया है एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से श्रावक उत्तम त्याग चार प्रकार के दान कर के कर सकता है । सर्वपप्रथम औषधि दान अर्थात किसी भी जरूरत मंद को औषधि प्रदान कर अथवा निशुल्क औषधालय आदि का संचालन कर इस पुण्य को प्राप्त किया जा सकता है उन्होंने यह भी बताया की औषधि दान करने वाला व्यक्ति निरोगी काया को प्राप्त करता है । दूसरा दान है शास्त्र दान , अर्थात धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन निशुल्क शिक्षण संस्था एवं बच्चों को पुस्तके प्रदान कर सकते हैं । तीसरा दान है अभय दान अर्थात जीवों की रक्षा का भाव एवं चतुर्थ है आहार दान । जो की मुनियों आर्यिकाओं अथवा श्रेष्ठ श्रावकों को आहार देकर किया जा सकता है ।इससे पूर्व प्रात: काल श्री जिनेन्द्र भगवान का प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य ललित जैन मेरू जैन ने प्राप्त किया एवं विश्वशांति की कामना से शांतिधारा करने का सौभाग्य धीरज कुमार अनुरोध कुमार अनमोल जैन ने प्राप्त किया। इसके अलावा रत्नत्रय धर्म मे सम्यक दर्शन की पूजन की गई। जैन समाज के मंत्री अभिषेक जैन ने बताया की आगामी 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर्व है एवं जैन धर्म के 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्षकल्याणक है। जैन मदिर मे भगवान का 1008 कलशों से महामस्तकाभिषेक किया जायेगा।
सांस्कृतिक कार्य क्रमों की श्रंखला मे आज जैन नवयुवक मण्डल के द्वारा ह्लतीन तिगाड़ काम बिगाड़ह्व गेम शो का आयोजन किया गया जिसमे सभी ने खूब आनद लिया। इस अवसर पर सुनील जैन, ऋषभ जैन, अरविन्द जैन, अपर्णा जैन, रीता जैन उपस्थित रहीं ।

गोमतीनगर जैन मन्दिर

जैन समाज के दशलक्षण धर्म महापर्व में आठवें दिन गोमती नगर जैन मंदिर में उत्तम त्याग धर्म की पूजा, भगवान का अभिषेक सांगानेर से आए पंडित अनुज शास्त्री एवं संगीतकार सुलभ के सानिध्य में हुई, पंडित जी ने अपने प्रवचन में बताया कि त्याग शब्द से ही पता लग जाता है इसका मतलब है छोड़ना और जीवन को संतुष्ट बनाकर अपनी इच्छाओं को वश में करना ,छोड़ने की भावना जैन धर्म में सबसे अधिक है क्योंकि जैन संत सिर्फ घरबार नहीं यहां तक की अपने कपड़े भी त्याग देते हैं और पूरा जीवन दिगंबर मुद्रा धारण करके व्यतीत करतें हैं और आज त्याग के दिन चार प्रकार के दान औषधी, शास्त्र ,अभय, आहार दान की भी बहुत महत्वता है। शांति धारा अमित एवं सुरेंद्र जैन परिवार द्वारा की गई। गोमती नगर जैन समाज के अध्यक्ष पीके जैन मंत्री आलोक जैन, सुकांत ,निकांत, संदीप,रचित,आदि उपस्थित रहे एवं शाम को धार्मिक तंबोला कुसुम गंगवाल द्वारा करवाया गया, महिला मंडल की अनीता,दीपाली, वैशाली, आदि उपस्थिति रही ।

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