दमा दम मस्त कलंदर और याद पिया की जैसे सूफी गीतों से शाम को खास बनाया
लखनऊ बायोस्कोप की ओर से सनतकदा का अड्डा पर संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पृथ्वी और हयात हुसैन खान के साथ अवधी लोक और सूफी गीतों नाइट ने एक अवधी और सूफी गीतों संगीतमय शाम सजाई।
हयात सोनीपत-पानीपत घराने के सारंगी वादक हैं। उन्होंने छाप तिलक, दमा दम मस्त कलंदर और याद पिया की जैसे गीतों से शाम को खास बनाया। पृथ्वी और उनके साथियों ने अवधी गीतों की शृंखला में देवी गीत-देवी मोरे अंगना में आई, दुलहिनी गाओ मंगलचारी (मूल रूप से कबीर द्वारा लिखित) जिसे उन्होंने अवधी में बदल कर सुनाया।
इसके साथ ही टिकसवा जबसे बलम जी का आवा, सइयां मिले लरिकइयां मैं का करू और अवधी गीतों का एक बॉलीवुड मैशअप से हर किसी का दिल जीता। इस दौरान दर्शकों ने कलाकारों ने संगीत से जुड़े कई सवाल पूछे।





