लखनऊ। गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी और गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को भक्त बेहद धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यह ज्ञान, सौभाग्य और समृद्धि के देवता भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह में मनाया जाता है, जो दस दिनों तक चलता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए गणेश चतुर्थी का शुभारंभ 7 सितंबर दिन शनिवार को होगा और इसी दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना और व्रत की शुरूआत होगी। इसके साथ ही 7 सिंतबर को गणेश चतुर्थी की पूजा सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट के बीच होगी।
गणेश चतुर्थी 2024 मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त के बीच भक्तगण बप्पा की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं। गणपति जी की मूर्ति विधिपूर्वक ही स्थापित करनी चाहिए। वहीं गणेश की वो मूर्ति घर लाएं जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर हो। दाएं तरफ सूंड वाली गणपति जी की मूर्ति को घर में स्थापित करने से बचना चाहिए। कहते हैं कि इनकी पूजा पाठ करनाआसान नहीं होता है।
कब होगा गणेश चतुर्थी का समापन?
पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का समापन 17 सितंबर, 2024 दिन मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। वहीं, इसी दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाएगा। ऐसा मान्यता है कि जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें भगवान गणेश का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उनके परिवार में खुशहाली आती है।
दस दिनों तक चलता है गणेश उत्सव
गणेश चतुर्थी का उत्सव हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। गणपति बप्पा के स्वागत के लिए घर से लेकर मंदिर और पंडाल तक में खास सजावट की जाती है। गणेश चतुर्थी पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाई जाती है। लेकिन महाराष्ट्र में गणेश उत्सव का खास रौनक दिखाई देता है। पूरे 10 दिन दिन मुंबई गणपति जी की भक्ति के रंगों में रंगा नजर आता है।
गणेश प्रतिमा खरीदते समय 4 बातों का रखें ध्यान
पहली: गणेशजी की प्रतिमा मिट्टी की बनी होना चाहिए।
दूसरी: सूंड़ बाईं तरफ झुकी होना शुभ माना जाता है।
तीसरी: गणेश जी आराम की मुद्रा में बैठे हुए होना चाहिए।
चौथी: एक हाथ में मोदक, दूसरा आशीर्वाद की मुद्रा में हो।
भगवान गणेश को मोदक समेत पांच चीजों का लगाएं भोग, होगा शुभ
लखनऊ। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। हर वर्ष इस तिथि को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो लगभग 10 दिनों तक लगातार चलता है। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन घरों में गणपति बप्पा को स्थापित किया जाता है, और विधि विधान से उनकी पूजा अर्चना की जाती है।
हिंदू धर्म में गणेश भगवान को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। किसी भी नए कार्य की शुरूआत करने से पहले उनकी विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो जातक उनकी पूजा आराधना सच्चे मन और भाव से करता है, उसे ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
वहीं हर साल की तरह इस साल भी गणेश चतुर्थी का दिन सभी के लिए बहुत लाभकारी है। इस तिथि पर ब्रह्म योग और चित्रा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। ऐसे में विघ्नहर्ता की पूजा के साथ-साथ उनके प्रिय भोग लगाने से हर इच्छा पूरी होती है। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
मोदक का भोग
गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर आप भगवान गणेश को मोदक का भोग जरूर लगाएं। ये उन्हें अति प्रिय है। माना जाता है कि मोदक के भोग से गणेश जी प्रसन्न होते हैं, और हर मनोकामना पूरी करते हैं। आप मोदक को घर पर भी तैयार कर सकती हैं।
खीर का भोग
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी को खीर बहुत प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि जब भी माता पार्वती खीर बनाती थीं, तो भगवान गणेश खीर का पूरा प्याला पी जाया करते थे। इसलिए उनके जन्मोत्सव के खास अवसर पर उन्हें खीर का भोग अवश्य लगाएं।
वड़े और चूरमा का भोग
गणेश चतुर्थी पर आप गणेश जी को उड़द की दाल से बने वड़े का भी भोग लगा सकती है। इसके अलावा बाटी का चूरमा भी खिला सकती है। माना जाता है कि चूरमा गणेश जी को बहुत पसंद है।
केले का भोग
गणेश पूजन पर मखाने का भोग लगाएं। इसे काफी शुभ माना जाता है। इस दौरान आप नारियल और केले का भोग भी लगा सकती हैं। इसे काफी उत्तम माना जाता है। केले का भोग सभी देवी-देवताओं को प्रिय होता है, और पूजा पाठ से जुड़े कार्य में इसे जरूर शामिल किया जाता है।
बेसन की बर्फी
गणेश जी को बेसन की बर्फी का भोग लगाना बहुत शुभ होता है। आप गणेश चतुर्थी की पूजा में इसे जरूर रखें। बेसन की बर्फी आप घर पर भी तैयार कर सकते हैं। ये भोग पीला और मीठा होने की वजह से भगवान गणेश को पसंद है।