स्थापना दिवस का संदेश

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आपातकाल में लोकतंत्र का दमन और शासन-प्रशासन की अमानवीय ज्यादतियों के विरुद्ध जब देश के छात्र, युवा और राजनीतिक दल लोक नायक जय प्रकाश नारायण के पीछे खड़े हो गये थे तो देश ने नयी अंगड़ाई ली थी। युवा आक्रोश और सुनहरे भविष्य के सपनों ने कांग्रेस के पतन और जनता पार्टी के विजय के रूप में आकार लिया, लेकिन युवाओं की आकांक्षा सिर्फ सत्ता परिवर्तन तक सीमित नहीं थी बल्कि व्यापक सामाजिक, आर्थिक बदलाव के जरिए आजादी के सपनो को साकार करने की प्रेरणा छिपी हुई थी। लेकिन जनता पार्टी अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी, नेताओं की महत्वाकांक्षा, वैचारिक द्वंद्व और घात-प्रतिघात की राजनीति में जनता पार्टी का पतन हो गया। इसके साथ ही करोड़ों युवाओं का सपना भी टूट गया। हौसलों की उड़ान की कै्रश लैंडिंग हो गयी और सुशासन, सुराज व रोजगार की उम्मीद धूमिल हो गयी।

ऐसे मनहूस क्षण में अगर अटल, आडवाणी, जोशी जैसे राजनेताओं ने अपने निजी भविष्य को संवारने के लिए विचारधारा व सिद्धान्तों से समझौता कर लिया होता, पद-प्रतिष्ठा के लिए किसी दूसरी पार्टी या नेता का दामन थाम लिया होता तो आज न भाजपा होती और न वह सपना जिसे आरएसएस, उसके सर संघ चालक गुरु गोलवरकर, दीन दयाल उपाध्याय और डा. श्याम प्रसाद मुखर्जी ने देखा था।

लेकिन अटल, आडवाणी, डा. जोशी और उनके नेतृत्व में हजारों, लाखों कार्यकर्ताओं ने 1977 में खत्म हो गये जनसंघ के पदचिन्हों व डा. श्यामा प्रसाद और पं. दीन दयाल उपाध्याय के सपनों को पुनर्संयोजित कर 6 अपै्रल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का निर्माण किया। इस अवसर पर प्रथम अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने जो भाषण दिया था, दरअसल वही भाजपा के लिए मार्गदर्शक सिद्धान्त है। अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि अंधेरा छटेगा, कमल खिलेगा।

वाजपेयी सर्वसमावेशी थे और अंधेरा छंटने का मतलब सिर्फ भाजपा के उत्थान से नहीं था बल्कि जनता पार्टी के पतन के बाद देश के सपनों पर जो ग्रहण लग गया गया था, करोड़ों युवाओं के हौसला पस्त हो गया था, दरअसल सपने को पुनर्जीवित करने की बात थी। स्थापना के बाद भाजपा को शुरुआती झटके लगे लेकिन इनसे उबरते हुए पार्टी महज डेढ़ दशक में केन्द्रीय सत्ता में पहुंची और आज भाजपा न सिर्फ देश की बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है।

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने कई ठोस काम किये हैं जिसके जरिए भाजपा का कोर एजेंडा और पार्टी संस्थापकों की विचारधारा भी आगे बढ़ी है। राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता पर भाजपा को प्राय: घेरा जाता था लेकिन मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने 370 को खत्म किया, राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और समान नागरिक संहिता के भी कुछ बिन्दुओं पर आगे बढ़ी है। लेकिन सिद्धान्त और विचारधारा दरअसल किसी पार्टी की नींव होती है जिस पर पार्टी संगठन का निर्माण होता है।

सरकार का असल उद्देश्य को विकास, गरीबों का उत्थान, समाज के आखिरी व्यक्ति का कल्याण होना चाहिए। भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन इतिहास उसके सफलता पर नहीं इतरायेगा बल्कि सरकार जनकल्याण, विकास, गरीबो का उत्थान और युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए पार्टी जो काम करेगी इतिहास उसके आधार पर ही पार्टी, उसके नेताओं एवं सरकार को परखेगा।

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