इस दिन दान की भी मान्यता है
लखनऊ। हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष स्थान है। हर महीने की चतुर्थी तिथि विनायक चतुर्थी होती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत का विधान है। मान्यता है कि इस दिन जो भी बप्पा की पूजा और व्रत करता है उसे मनोवांछित फल मिलते हैं। इस दिन पूजा और व्रत करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। इस दिन दान की भी मान्यता है। विनायक चतुर्थी के दिन मंदिर में या गरीबों को अवश्य दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही बाधाएं और संकट दूर हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरूआत 03 जनवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर होगी, वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 03 जनवरी को रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 03 जनवरी को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा, वहीं इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह में 05 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा। ये 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर को 02 बजकर 10 मिनट से शुरू होगा. ये 02 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। निशिता मुहूर्त रात को 11 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा। ये 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना और व्रत करने वालों के घर में घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है, साथ ही घर आर्थिक रूप से संपन्न रहता है। इस दिन जो पूजा और व्रत करता है बप्पा की कृपा से उसके सभी काम बन जाते हैं।
विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें पूजा
विनायक चतुर्थी पर सुबह सबसे पहले स्नान करके सूर्यदेव को जल देना चाहिए। इसके बाद घर साफ करके पंचोपचार कर पूरे विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश को पीले वस्त्र, दूर्वा, हल्दी मोदक आदि चढ़ाना चाहिए। भगवान गणेश की आरती देशी घी का दिया जलाकर करनी चाहिए। मंत्रों का जप करना चाहिए, साथ ही गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहे। ऐसी प्रार्थना भगवान गणेश से करनी चाहिए। अंतिम में भगवान गणेश को भोग लगाना चाहिए. फिर प्रसाद का वितरण करना चाहिए। हिंदू धर्म शास्त्रों मेंं इस दिन दान को बहुत ही शुभ बताया गया है।