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पिता के मौत के बाद भी नहीं टूटे हौसले… नोएडा की वरदा खान ने हासिल किया 18वां स्थान

नोएडा। कॉरपोरेट क्षेत्र की नौकरी छोड़कर सिविल सेवाओं की तैयारी करने वालीं वरदा खान ने यूपीएससी परीक्षा 2023 में 18वां स्थान हासिल किया है और उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) चुनी है क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता वैश्विक मंचों पर भारत की छवि को और बेहतर बनाना है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को परीक्षा परिणाम घोषित किए।

खान (24) ने कहा कि वह वैश्विक मंचों पर देश को गौरवान्वित करना चाहती हैं, इसलिए उन्होंने आईएफएस को चुना। खान ने पीटीआई-भाषा को बताया, हर दूसरे अभ्यर्थी की तरह, जब हम अपनी यात्रा शुरू करते हैं, तो हम परिणाम सूची में अपना नाम पाने का सपना देखते हैं। लेकिन शीर्ष 20 में आना अकल्पनीय था, मैंने शीर्ष 20 में आने की कल्पना भी नहीं की थी। अभी यह एक स्वप्निल एहसास है। मेरे परिवार में हर कोई बहुत खुश है और गर्व से फूला नहीं समा रहा है। उन्होंने कहा, मैंने अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में भारतीय विदेश सेवा को चुना है, क्योंकि मैं वैश्विक मंचों और बहुपक्षीय संस्थानों में भारत की छवि को और बेहतर बनाना तथा विदेश में हमारे भारतीय प्रवासियों की मदद करना चाहती हूं।

नोएडा के सेक्टर 82 में विवेक विहार की निवासी खान ने दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज से वाणिज्य (आनर्स) में स्नातक की पढ़ाई की। अपने माता-पिता की इकलौती संतान खान मां के साथ रहती हैं। उनके पिता का नौ साल पहले निधन हो गया था। कुल 1,016 अभ्यर्थियों – 664 पुरुष और 352 महिलाएं – परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं और यूपीएससी ने विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए उनकी अनुशंसा की है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के प्रशिक्षु अधिकारी आदित्य श्रीवास्तव ने सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में पहला स्थान हासिल किया है।