ऋषि साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है : उमानंद शर्मा
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत यशराज इंस्टीट्यूट आॅफ फामेर्सी, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 426वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रीय कार्यकर्त्री श्रीमती इन्दिरा देवी ने अपने प्रिय जीवन साथी स्व. गुलाब चन्द्र की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्षों एवं फामेर्सी के अधिकारीगणों को (हिन्दी) अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ऋषि साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है। डॉ. नीलम गुप्ता, संस्थान के निदेशक डा. स्वदेश कुमार अहिरवार ने भी अपने विचार रखे, संस्थान के बी.एड. विभागध्यक्ष ओ.पी. यादव ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया।
इस अवसर पर उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, डॉ नीलम गुप्ता, श्रीमती इंदिरा देवी, विजय, एवं संस्थान के चेयरमैन अभय प्रताप सिंह, वॉयस चेयरमैन योगेश प्रताप सिंह, प्रबन्ध निदेशक एस. ठाकुर निदेशक डॉ. स्वदेश कुमार अहिरवार विभागाध्यक्ष बी.एड. ओ.पी. यादव , विभागध्यक्ष डीएड. विनोद यादव, फामेर्सी की विभागाध्यक्ष डॉ. सुभम पाण्डेय, संकाय सदस्य, चिकित्सकगण एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।