किताबों की दुनिया में साहित्य और रंगमंच के साथ साइबर सुरक्षा की क्लास

लखनऊ। रिवरफ्रंट पार्क में जारी गोमती पुस्तक महोत्सव में एक तरफ किताबों की दुनिया है तो वहीं दूसरी ओर रंगमंच और साइबर अपराध से बचाव की जानकारी। मंगलवार को महोत्सव में पर्यावरण, विज्ञान, धर्म, कला, साहित्य जैसे विभिन्न विषयों पर प्रकाशनों ने पाठकों को आकर्षित किया। पेंटिंग्स इन राष्ट्रपति भवन और सिलेक्ट पेंटिंग्स आॅफ राष्ट्रपति भवन के नाम से मिलने वाले किताबों के सेट इतिहास से परिचित करा रहे हैं। इसके साथ शब्द संसार के सत्र में स्मार्ट डिफेंस : एआई के युग में साइबर सुरक्षा की जानकारी बच्चों के लिए काफी रोमांचक रही है।
इस सत्र में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ लक्षित वर्मा ने बच्चों को समझाया कि अगर आप आॅनलाइन कुछ भी जानकारी एवं फोटो आदि पोस्ट कर रहे हैं तो वो हमेशा इंटरनेट पर रहेगी, भले ही आपने उसे खुद डिलीट कर दिया हो। उन्होंने बच्चों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं, जैसे कैसे एक क्लिक पर आपका पूरा फोन हैक हो जाता है? कैसे आप अपने परिवारजनों को साइबर ठगी से बचा सकते हैं? डीपफेक क्या होता है? कैसे टू-फैक्टर आॅथेंटिकेशन से हम साइबर धोखे से बच सकते हैं। लक्षित सुझाव भी दिया कि इंटरनेट पर कुछ भी डालते समय बहुत ही सावधानी बरतें, अपनी लोकेशन और इंस्टाग्राम आईडी प्राइवेट रखें। इसके अलावा उन्होंने ‘1930’ हेल्पलाइन नंबर के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि आप साइबर से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत कर सकते हैं तथा उन्होंने सरकारी वेबसाइट के बारे में भी बच्चों को बताया।

बंकू की कहानी से जुड़ गए दर्शक

पुस्तक महोत्सव के लेखकगंज का आरंभ बंकू पुस्तक पर चर्चा के माध्यम से ‘पशुओं के प्रति घटती संवेदना’ जैसे भावनात्मक विषय से हुआ। पुस्तक के लेखक अमित तिवारी ने बताया कि गांव के एक कुत्ते ‘बंकू’ पर कें​द्रित यह किताब केवल डॉगलवर के लिए ही नहीं बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी है जो पशुप्रेमी और प्रकृति प्रेमी नहीं ​हैं। पुस्तक के पठन से पाठकों के मन में जीवों के प्रति संवेदना जाग्रत होगी। संवेदना और दया जैसे भाव मानव समाज के लिए अहम हैं। वहीं शब्द संसार का एक सत्र कथक से व्यक्तिव विकास : जगाएं आत्मविश्वास पर रहा। इस सत्र में लखनऊ घराने की डॉ. विष्णुप्रिया पांडे ने बच्चों को बताया कि कथक कथक हमें धैर्य, निरंतरता और पूर्णता सिखाता है। साथ ही उन्होंने बच्चों को बताया कि कथक एक ऐसी कला है जो व्यक्तित्व के विकास में भी सहायक है। इसके अलावा आपकी कहानी, मेरे शब्द : कहानी सुनें विषय पर भी सत्र हुआ। सीमा वाही मुखर्जी ने बच्चों को रोचक कहानी सुनाते हुए ‘बम बम बोले’ पर डांस करवाया। उन्होंने ‘लेजेंड आॅफ द रेनबो’ नामक कहानी सुनाई और इंद्रधनुष के रंगों के बारे में बच्चों से पूछा। उन्होंने कुछ बच्चों को इंद्रधनुष के रंगों का रूप भी दिया और सभी रंगों को उन्होंने गाने का रूप देकर बच्चों से उसे गवाया। फिल्म फेस्टिवल में मास्साब फिल्म का प्रदर्शन किया गया। यह फिल्म शिक्षा के महत्व पर आधारित थी इस फिल्म के माध्यम से संदेश दिया गया कि शिक्षा समाज का केंद्र है जो लोगों को साथ में बांधकर रखती है।

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