लखनऊ। सावन की शिवरात्रि पर राजधानी लखनऊ के विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। भक्तों ने शिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा अर्चना की। कांवड़ भरकर लाए कावड़ियों ने भी शिवालयों में भोलेनाथ को जल अर्पित किया। वहीं मनकामेश्वर मंदिर, कोनेश्वर मंदिर, महाकाल मंदिर सहित शहर के सभी शिवालयों में भक्तों ने जलाभिषेक किया।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि भांग की पत्तियों को पीसकर मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर भगवान महाकाल का स्वरूप निर्मित किया गया। जिसका दर्शन दोपहर बाद भक्तों ने किया। वहीं मंदिर में कांवड़ियों द्वारा सामूहिक रूप से 200 लीटर गंगाजल से भगवान का जलाभिषेक कराया गया। महाकाल के अलावा अन्य ज्योतिर्लिंग फूलों के बनाए गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है।
भक्तों ने किया जलाभिषेक:
खासतौर से सावन के महीने में बड़ी संख्या में शिवभक्त जल या कांवड़ लाकर मंदिर में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। मंदिर के महंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि दो साल के अंतराल के बाद लोगों को शिवरात्रि पर मंदिर में जलाभिषेक करने का अवसर मिला है। इसलिए बड़ी संख्या में इस बार भीड़ मंदिर में पहुंच रही है। लाखों शिव भक्त देर रात से ही मंदिर में जलाभिषेक कर चुके हैं। सावन के महीने में हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए शिवालयों में अधिक भीड़ रहती है और सावन में यहां का नजारा बिल्कुल अलग होता है। यहां की मान्यता को देखते हुए दूर.दराज से बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं। माना जाता है इस मंदिर में जो भी शिव भक्त भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हुए भोलेनाथ की आराधना करते हैं। भगवान उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए प्राचीन समय से ही इस मंदिर की बड़ी मान्यता है।
सिद्ध पीठ बाराही देवी में हुआ सामूहिक रुद्राभिषेक
लखनऊ। भगवान भोलेनाथ की अतिशय कृपा से सिद्धपीठ मां बाराही देवी के मंदिर प्रांगण में जन कल्याण हेतु नि:शुल्क सामूहिक रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के सैकड़ो परिवार सम्मिलित हुए। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष पवित्र श्रावण मास सामूहिक महा रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन सिद्ध पीठ बाराही देवी परिषर में विराजमान प्राचीन कालीन महादेव के मंदिर में अवधेंद्र प्रपन्नाचार्य महाराज के संरक्षण में आचार्य नीलकमल पाण्डेय आचार्य मुकेश पाण्डेय के सहयोग से संपन्न हुआ। क्षेत्र भर के सैकड़ों परिवारों में सामूहिक रुद्राभिषेक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अपने भाग्य में पुण्य अर्जित किया। कार्यक्रम में जिसमें मां बाराही देवी मंदिर समिति के संरक्षक रमेश सिंह चौहान अध्यक्ष गंगाधर दीक्षित अशोक पांडे अनुज रामकिशोर त्रिपाठी और बगिया बाबा समिति के कोषाध्यक्ष अभिषेक सिंह सुमित पाण्डेय मुकेश कश्यप समीर सिंह सहित क्षेत्र के सम्मानित सदस्यों और सभी भक्तों की उपस्थिति और सहयोग से आयोजन संपन्न हुआ।
शहर के छोटे-बड़े शिवालयों में उमड़े भक्त:
राजधानी में सावन की शिवरात्रि पर आस्था का सैलाब शिव मंदिरों में उमड़ पड़ा। लगभग सभी शिव मंदिरों में अल सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। बड़े मंदिरों के अलावा शहर के हर छोटे-बड़े शिव मंदिर में जमकर पूजा अर्चना हुई। भक्तों ने अलग-अलग तरीके से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास किया। सावन के पहले सोमवार पर शहर के तमाम शिवालयों में बम भोले के गगनभेदी जयकारों के बीच बाबा की हुई। सुबह से ही रुद्राभिषेक और शृंगार का दौर शुरू हो गया। भक्तों ने फल, पुष्प, बिल्व पत्र, गंगाजल, शहद, घृत, दूध, मिष्ठान्न, भांग, धतूरा अर्पण कर भक्तों द्वारा मनोकामना पूरी करने की कामना की जाएगी। वहीं, घंटे-घड़ियालों की गूंज के बीच चालीसा, पंचाक्षरी के स्वर भी गूंजे। मंदिरों और शिवालयों के कपाट भोर से ही खुल गए थे।
व्रत के साथ घरों में हुआ पूजन:
भोले के भक्तों द्वारा सावन शिवरात्रि पर व्रत भी रखा गया। घरों में भी भोलेनाथ की पूजा की गई और रुद्राभिषेक का भी आयोजन किया गया। इस दौरान भोले के भक्तों द्वारा सुख-शांति और मंगल की कामना की गई।
बमबम भोले के जयकारों से गूंजा भंवरेश्वर महादेव मंदिर:
तीन जनपदों की सीमा ओर स्थित पौराणिक काल के प्राचीन शिवमंदिर में श्रावण मास की शिवरात्रि पर शिव भक्तों का तांता लगा रहा मध्यरात्रि से ही मंदिर के कपाटखुलते मंदिर हर पर महादेव, बम बम भोले के नारों से गूंजने लगा शाम तक लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर भगवान भोले नाथ के दर्शन किये। लखनऊ उन्नाव व रायबरेली की सीमा पर सी नदी के किनारे स्थित प्राचीन व पौराणिक काल से ही इस मंदिर के प्रति लोगों में एक अलग ही धार्मिक महत्व है लोगों का मानना है कि द्वापर युग में यहां पर त्र्यंबक नामक वन हुआ करता था जहां पर पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान ठहरे हुए थे तो पांडव पुत्र महाबली भीम ने इस शिवलिंग को स्थापित किया था
मनकामेश्वर मंदिर में लगी भक्तों की कतार
सावन की शिवरात्रि पर शुक्रवार को मनकामेश्वर मंदिर में भोर से ही भक्तों की कतार लगने लगी, जो देर रात तक देखने को मिली। भक्तों ने देवों के देव महादेव को क्रमबद्ध जलाभिषेक किया और जयकारे लगाये। इस मौके पर मंदिर की महंत देव्यागिरि ने भगवान शिव का विधि-विधान से जलाभिषेक किया और शृंगार किया।