बाराबंकी/लखनऊ (उप्र। बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई तथा 16 अन्य बीमार हो गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए मारे गए लोगों के परिजन को दोदो लाख रुपए की सहायता का ऐलान किया है। इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी, नौ आबकारी कर्मियों और दो पुलिस अफसरों को निलम्बित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस घटना में अब तक छह लोगों की मौत तथा 16 अन्य के बीमार होने की पुष्टि करते हुए मंगलवार को लखनऊ में बताया कि प्रकरण की जांच के लिए अयोध्या के आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और आबकारी विभाग के आयुक्त की टीम बनाई गई है, जो विभिन्न पहलुओं की जांच कर 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन को दोदो लाख रुपए सहायता का ऐलान करते हुए दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्वाई के आदेश दिए हैं।
बाराबंकी से प्राप्त खबर के मुताबिक, रामनगर थाना क्षेत्र के रानीगंज गांव और उसके आसपास के मजरों के कई लोगों ने सोमवारामंगलवार की दरमियानी रात को शराब पी थी उसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। इसी बीच उनमें से एक-एक कर कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई।
सिंह ने बताया कि अब तक करीब 8 लोगों के मरने की खबर मिल रही है, लेकिन उनमें से अभी तक 6 की मौत की ही पुष्टि हो पाई है। मरने वालों में चार एक ही परिवार के हैं। शराब पीने से बीमार 16 लोगों को लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मरने वालों की संख्या बढऩे की आशंका है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय टीम अन्य पहलुओं के अलावा इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं इस घटना के पीछे कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी हापुड़ और आजमगढ़ में हुई ऐसी घटनाओं में राजनीतिक साजिश सामने आई है, लिहाजा जांच के दायरे में इस बिंदु को भी लाया गया है।
सिंह ने कहा कि इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी शिव नारायण दुबे, हलक़ा आबकारी निरीक्षक राम तीरथ मौर्य, तीन आबकारी हेड कांस्टेबल और पांच सिपाहियों के साथसाथ रामनगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी पवन गौतम और थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह को भी निलम्बित कर दिया गया है।
इस बीच, प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि यह घटना बेहद गंभीर है क्योंकि जिस शराब को पीने से लोगों की मौत हुई वह आबकारी विभाग के पंजीकृत विक्रेता के यहां से ली गई थी और उसमें संभवत: पहले से मिलावट की गई थी।
आबकारी विभाग समय-समय पर पंजीकृत विक्रेताओं के यहां जांच करवाता रहता है ताकि शराब में किसी भी तरह की मिलावट ना होने पाए। ऐसे में यह मामला बेहद गंभीर है। सिंह ने कहा कि इस घटना के दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।