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सोशल मीडिया को और बेहतर से समझने में मदद करेगी पुस्तक : मनोज कुमार

पुस्तक सोशल मीडिया एंड वेब एनालिटिक्सर का भव्य विमोचन
लखनऊ। रविवार को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान में डॉ. शुभेन्दु शेखर शुक्ल की नई पुस्तक सोशल मीडिया एंड वेब एनालिटिक्सर का भव्य विमोचन समारोह संपन्न हुआ। इस मौके पर साहित्य जगत के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने शिरकत की।
मुख्य अतिथि पवन सिंह चौहान, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ मनोज मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह, डॉ. नीरज शुक्ला प्रॉक्टर ख्वाजा मोउनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय एवं पियूष सिंह चौहान ने पुस्तक का विमोचन किया और अपने संबोधन में कहा, यह पुस्तक न केवल छात्रों की पढ़ाई के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के लिए भी अत्यंत प्रेरणादायक है। लेखक ने गहन अध्ययन और अनुभव के आधार पर इसे लिखा है, जो पाठकों को नई दिशा दिखाएगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार अग्रवाल ने पुस्तक कि समीक्षा करते हुए कहा कि कहा कि आज के युवा पीढ़ी पर सोशल मीडिया का गहरा असर है और समाज का हर तबका सोशल मीडिया पर सक्रीय है इसलिए ये पुस्तक सोशल मीडिया को और बेहतर से समझने में पाठको कि सहायता करेगी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. नीरज शुक्ल ने अपने सम्बोधन में सोशल मीडिया की प्रासंगिता पर चर्चा की और कहा कि आज के समय हम संभवत: सोशल मीडिया के बिना समाज कि कल्पना नहीं कर सकते। यही पहलु इस पुस्तक को खास बनाती है।
डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने लेखक की प्रशंसा करते हुए कहा की लेखक ने आज के समय की सबसे आधुनिक विषय को पुस्तक के रूप में लाकर छात्रों के हित में एक बहुमूल्य योगदान दिया है। और पियूष सिंह चौहान ने भी अपने सम्बोधन में पुस्तक की समीक्षा में सोशल मीडिया की प्रासंगिता, उसका आज के समय व्यापर में महत्व और भविष्य की सम्भावनाओ पर प्रकाश डाला।
लेखक डॉ. शुभेन्दु शेखर शुक्ल ने अपनी पुस्तक की लेखन प्रक्रिया और इसके पीछे की प्रेरणा के बारे में चर्चा करते हुए कहा, यह पुस्तक सोशल मीडिया के प्रति मेरे विचारों और अनुभवों एवं डॉ एपीजे अब्दुल कलम तकनीकी विश्विद्यालय लखनऊ के एमबीए के सिलेबस के का निचोड़ है, जिसे मैंने अपने पाठकों के साथ साझा करने की कोशिश की है। लेखक ने एनालिटिक्स का महत्त्व और उसकी आवश्यकताओं के बारे में भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक सभी वर्ग के छात्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित दर्शकों ने लेखक से संवाद किया और पुस्तक के विषय में अपने प्रश्नों और विचारों को साझा किया। कार्यक्रम का माहौल अत्यंत प्रेरणादायक और सजीव रहा।

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