हुलुनबुइर (चीन). पहले दो मैच में जीत से उत्साहित गत चैंपियन भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट में बुधवार को यहां मलेशिया के खिलाफ होने वाले मैच में जीत का अपना सिलसिला जारी रखने के लिए उतरेगी। भारतीय टीम ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है। पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता था लेकिन तब मैदानी गोल नहीं कर पाना उसके लिए चिंता का विषय बना हुआ था। प्रतियोगिता में भारत ने 15 गोल किए थे लेकिन इनमें केवल तीन मैदानी गोल शामिल हैं। वर्तमान टूर्नामेंट में हालांकि उसके युवा स्ट्राइकरों ने उसकी इस चिंता को कुछ हद तक कम किया है।
ओलंपिक के बाद संन्यास लेने वाले गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भी इस क्षेत्र में सुधार करने की जरूरत पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था, अगर हमें भारतीय हॉकी टीम को अगले स्तर पर पहुंचाना है और ओलंपिक में लगातार पदक जीतने हैं तो हमें अधिक मैदानी गोल करने होंगे क्योंकि हमारी रक्षापंक्ति की भी अपनी सीमाएं हैं। भारतीय रक्षापंक्ति लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। उसने ओलंपिक में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई और एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भी उसने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है।
भारत ने पहले मैच में मेजबान चीन को 3-0 से हराकर खिताब का बचाव करने के अपने अभियान की शानदार शुरुआत की थी। उसने अपने अगले मैच में जापान को 5-1 से हराया था। भारत ने अभी तक जो आठ गोल किए हैं, उनमें सात मैदानी गोल शामिल है जबकि युवा ड्रैग-फ्लिकर संजय ने जापान के खिलाफ पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला था। पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम का हिस्सा रहे युवा स्ट्राइकर सुखजीत सिंह ने अभी तक तीन मैदानी गोल किए हैं जबकि अभिषेक और उत्तम सिंह ने दो-दो मैदानी गोल किए हैं।
वर्तमान फॉर्म को देखते हुए भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में जीत की प्रबल दावेदार है। वह इससे पहले चार बार चैंपियन रह चुकी है। दूसरी तरफ मलेशिया का प्रदर्शन अभी तक अच्छा नहीं रहा है। उसे एक मैच में हार का सामना करना पड़ा जबकि एक अन्य मैच उसने ड्रॉ खेला। भारत ने हालांकि नए ओलंपिक चक्र की शुरुआत की है और ऐसे में वह किसी भी टीम को हल्के से लेने की गलती नहीं करेगा। छह टीमों के राउंड रोबिन मैच के बाद चोटी पर रहने वाली चार टीम सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी जो 16 सितंबर को खेले जाएंगे। फाइनल 17 सितंबर को होगा।