नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दांडी यात्रा की वर्षगांठ पर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि गांधीवादी विचारों का विरोध विपक्षी दल की संस्कृति है। दांडी यात्रा की 89वीं वर्षगांठ पर एक ब्लॉग में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हमें सबसे गरीब शख्स के दर्द के बारे में सोचना सिखाया और हमनें देखा और सोचा कि कि कैसे हमारा काम उस शख्स को प्रभावित करेगा।
मोदी ने कहा, मैं गर्व के साथ यह कह सकता हूं…
मोदी ने कहा, मैं गर्व के साथ यह कह सकता हूं कि हमारी सरकार के काम के सभी पहलुओं में निर्देशक विचार यह होता है कि हम देखें कि कैसे यह गरीबी दूर करेगा और समृद्घता लाएगा। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि गांधी जहां असमानता और जातीय विभाजन में विश्वास नहीं रखते थे, दुखद है कि कांग्रेस समाज को बांटने से कभी नहीं हिचकिचाई। उन्होंने ब्लॉग में आरोप लगाया, सबसे बुरी जातीय हिंसा और दलित विरोधी नरसंहार कांग्रेस के शासन में हुआ। कांग्रेस और भ्रष्टाचार के पर्यायवाची बनने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने भ्रष्टों को दंडित करने के लिए सबकुछ किया। उन्होंने आरोपव लगाया, देश ने देखा है कि कैसे कांग्रेस और भ्रष्टाचार पर्यायवाची बन गए।
वंशवाद की राजनीति को तुच्छ मानते थे
जिस क्षेत्र का भी नाम लीजिए वहां एक कांग्रेसी घोटाला होगा-फिर चाहे वह रक्षा, टेलीकॉम, सिंचाई, खेल आयोजन, कृषि, ग्रामीण विकास या कुछ और ही क्यों न हो। मोदी ने यह भी दावा किया कि बापू (महात्मा गांधी) वंशवाद की राजनीति को तुच्छ मानते थे, वहीं वंश पहले आज कांग्रेस का तरीका बन गया है। लोगों के अधिकार के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गांधी मानते थे कि लोकतंत्र कमजोर को मजबूत जितने ही समान अवसर देते हैं, लेकिन कांग्रेस ने राष्ट्र को आपातकाल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, गांधीजी कांग्रेस की संस्कृति को भलीभांति जानते थे, यही वजह है कि वह कांग्रेस को भंग करना चाहते थे, खासकर 1947 के बाद। उन्होंने कहा, आज हमारे पास केंद्र में सरकार है जो बापू के दिखाए पथ पर काम कर रही है।