पणजी। गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर र्पिकर के निधन के एक दिन बाद कांग्रेस के विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और तटीय राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में सभी 14 कांग्रेसी विधायक राज भवन गए और सिन्हा को यह कहते हुए एक पत्र सौंपा कि उनकी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और उन्हें सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
कावलेकर ने यहां पत्रकारों से कहा
कावलेकर ने यहां पत्रकारों से कहा, हम मुख्यमंत्री के निधन से दुखी हैं लेकिन उनके अंतिम संस्कार से पहले एक नई सरकार बनानी होगी। राज्यपाल ने माना कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और उन्होंने कहा कि वह हमें जवाब देंगी। इससे पहले विपक्षी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए शुक्रवार और फिर रविवार को सिन्हा को पत्र लिखा था। राज भवन जाने से पहले कावलेकर ने कहा, हम सदन में बहुमत वाली पार्टी हैं। फिर भी मुलाकात का समय लेने के लिए हमें संघर्ष करना पड़ा। हम मांग करते हैं कि र्पिकर के निधन के बाद भाजपा सरकार के ना रहने की स्थिति में सरकार बनाने के लिए हमें आमंत्रित किया जाए।
विधानसभा को निलंबित
विधानसभा को निलंबित किए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जब कांग्रेस दावा पेश कर रही है तो सवाल पैदा नहीं होता। कांग्रेस राज्य में अभी सबसे बड़ी पार्टी है। 40 सदस्ईय विधानसभा में उसके पास 14 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास 12 विधायक हैं। इस साल की शुरुआत में भाजपा विधायक फ्रांसिस डीसूजा के निधन और रविवार को र्पिकर के निधन तथा पिछले साल दो कांग्रेस विधायक सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते के इस्तीफे के कारण विधानसभा में सदस्यों की संख्या 36 रह गई है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के पास तीन-तीन विधायक हैं जबकि राकांपा के पास एक विधायक है। तीन निर्दलीय विधायक भी हैं। जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीय विधायक र्पिकर सरकार का हिस्सा थे।