करोड़ों यज्ञों के पुण्य से भी अहिल्याबाई होलकर के कार्यों की तुलना नहीं हो सकती
लखनऊ। पुण्यलोक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति अवध प्रान्त की बैठक रविवार को विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ में संपन्न हुई। समिति के संरक्षक बावन मंदिर अयोध्या के महंत वैदेही वल्लभ शरण महाराज ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा अहिल्याबाई होलकर ने सनातन धर्म की रक्षा का महान कार्य किया। उन्होंने मुगल आक्रान्ताओं द्वारा तोड़े गये अनेकों मंदिरों का पुननिर्माण कराया। शास्त्रों में लिखा है कि देवस्थलों का निर्माण कराना सैकड़ों यज्ञों जैसा पुण्य होता है। अहिल्या बाई होलकर के कार्यों की तुलना करोड़ो यज्ञों के पुण्यों से नहीं की जा सकती है।
महंत वैदेही वल्लभ शरण महाराज ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर का जीवन अदभुत अलौकिक व अकल्पनीय है। एक राजरानी होकर साधु का काम,एक राजा का काम,सत्य और न्याय का कार्य किया। ऐसी न्यायप्रिय धर्मनिष्ट परोपकारी महिला अहिल्याबाई के बारे में हम लोग जितना भी वर्णन करेंगे वह कम है। उनका जीवन एक सिन्धु है हम लोग एक बिन्दु हैं। उन चरित्र महाकाश है हम लोग घटाकाश हैं।
बैठक में सामाजिक समरसता विभाग के प्रान्त प्रमुख राजकिशोर ने समिति के सदस्यों से उदघाटन कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में चर्चा की। इसके साथ ही अवध प्रान्त के सभी जिलों में भी उद्घाटन के कार्यक्रमों की योजना के बारे में चर्चा हुई। वहीं अयोध्या व नैमिषारण्य में भी बड़ा कार्यक्रम करने का निर्णय समिति ने लिया है। विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व स्कूल कालेजों को केन्द्र मानकर कार्यक्रम किये जायेंगे।
अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति के प्रान्तीय सदस्य बृजनन्दन राजू ने बताया कि 24 नवम्बर को उद्घाटन कार्यक्रम में अहिल्याबाई पर एक भव्य प्रदर्शनी लगाई जायेगी। इस अवसर पर मंचस्थ अतिथियों द्वारा अहिल्या बाई पर एक पुस्तक का लोकार्पण भी किया जायेगा। बैठक में नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मंजुला उपाध्याय, सामाजिक समरसता विभाग की महिला आयाम प्रमुख रंजीता वाल्मीकि, समिति की गरिमा मिश्रा, प्रियंका शुक्ला, डा.बिपिन द्विवेदी, सीताराम कश्यप, अमर बहादुर मौर्य और प्रतीक खरे के अलावा समिति के प्रान्तीय सदस्य उपस्थित रहे।