रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग
लखनऊ। रक्षाबंधन का त्योहार ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत करता है। इस साल आने वाला रक्षाबंधन इस रिश्ते के लिए और भी शुभ साबित होने वाला है। ज्योतिषियों का दावा है कि इस बार 90 साल बाद चार शुभ संयोग बन रहे हैं। ये ऐसा अद्भुत संयोग है जो भाई बहनों के रिश्ते की डोर को और भी मजबूत करेगा। इस साल का वैदिक पंचांग अगर देखें तो रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग के साथ ही श्रवण नक्षत्र एक साथ पड़ने का महासंयोग बन रहा है। इतना ही नहीं इसी दिन सावन का आखिरी सोमवार भी पड़ने जा रहा है। ये सब मिलकर इस दिन को बेहद शुभ बना रहे हैं।
इतने समय तक रहेगा संयोग
ये चार अद्भुत संयोग 19 अगस्त को सुबह से शुरू होंगे और रात 8 बजकर 40 मिनट तक रहेंगे। इस समय तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का प्रभाव सबसे ज्यादा होगा। इन दोनों के योग के प्रभाव वाले समय पर बहन अपने भाई को राखी बांधती हैं तो भाइयों पर आने वाली सारी बलाएं दूर हो सकती हैं। इतना ही नहीं इस योग के प्रभाव से भाई को निरोगी होने का वरदान भी मिलेगा।
कब तक रहेगी पाताल लोक की भद्राकाल?
18 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट से ही भद्रा की शुरूआत हो जाएगी। भद्रा का काल अगले दिन यानी कि 19 अगस्त को दोपहर एक बजकर 24 मिनट तक जारी रहेगा। इस भद्रा को पाताल लोक की भद्रा माना जाएगा। राखी के लिए यह समय बिलकुल शुभ नहीं माना जा रहा है। इसलिए 19 अगस्त को भी भद्रा काल खत्म होने के बाद से ही राखी बांधने का सिलसिला शुरू होगा।
यह है शुभ समय
भद्राकाल के बाद से जो समय शुरू होगा यानी कि 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट के बाद से राखी बांधना शुभ होगा। यह शुभ समय-शाम 6 बजकर 25 मिनट तक जारी रहेगा।