सियोल। उत्तर कोरिया ने किम जोंग उन की निगरानी में लंबी दूरी वाले कई रॉकेट लॉंचर और सामरिक हथियारों का परीक्षण किया है। नवम्बर 2017 के बाद यह उसका पहला मिसाइल परीक्षण है। उत्तर कोरिया की इस हरकत से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खफा होने की आशंका है।
रक्षा मंत्रालय के विश्लेषण से संकेत मिलता है
लेकिन उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने अपनी खबर में कहा है कि किम ने एक अभ्यास का आदेश दिया था, जिसमें लंबी दूरी वाले कई रॉकेट लॉंचर (जो कि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के दायरे में नहीं आते हैं) और सामरिक हथियार शामिल थे। इस बारे में सियोल के रक्षा मंत्रालय के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि प्योंगयांग ने 240 मिमी और 300 मिमी के कई रॉकेट लॉंचर और लगभग 70 से 240 किलोमीटर मारक क्षमता वाले नए प्रकार के सामरिक हथियारों का परीक्षण किया। फरवरी में किम और ट्रम्प के बीच हुई शिखर वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद से ही अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच गतिरोध जारी है। लेकिन बावजूद इसके ट्रम्प ने हमेशा कोई हल निकालने का विश्वास जाहिर किया।
इस कार्वाई से प्रतीत होता है कि…
प्योंगयोंग की इस कार्वाई से प्रतीत होता है कि वह लंबित पड़ी परमाणु वार्ता को लेकर वॉशिंगटन पर दबाव बनाना चाहता है। वहीं, इससे पहले केसीएनए ने कहा था, इस अभ्यास का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र और पूर्वी मोर्चे पर लंबी दूरी वाले रॉकेट लान्चरों और सामरिक हथियारों की क्षमता एवं हमला करने की सटीकता का अनुमान लगाना था। उसने कहा कि यह अभ्यास पूर्वी समुद्र में किया गया, जिसे जापान सागर भी कहा जाता है।